बगीचा में ‘गजरथ’ का शुभारंभ या दिखावा? एक्सपायर गाड़ी से चला ‘हाथी जागरूकता अभियान’, जिम्मेदारों की लापरवाही उजागर…

जशपुर। जिले के बगीचा में आज एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला – लोगों को हाथियों से जागरूक करने के नाम पर ‘गजरथ’ का शुभारंभ तो बड़े उत्साह के साथ किया गया, पर असली तस्वीर बेहद शर्मनाक निकली। जिस वाहन से यह ‘गजरथ’ निकाला गया, वह खुद एक्सपायर (अवकाश प्राप्त) सरकारी जीप थी – जिसका उपयोग अब कानूनी रूप से वर्जित है।
बताया जा रहा है कि इस ‘गजरथ’ का शुभारंभ पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या विष्णुदेव साय द्वारा किया गया। मौके पर पुलिस, वन विभाग और स्कूल प्रबंधन के अधिकारी भी मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी यह देखने की ज़हमत नहीं उठाई कि वाहन नंबर CG 15A 2478 न केवल पुराना है बल्कि फिटनेस और पंजीयन की वैधता भी समाप्त हो चुकी है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब हाथियों से सुरक्षा और जागरूकता की बात की जा रही है, तब कम-से-कम सरकारी विभागों को नियमों का पालन खुद करना चाहिए। “जो वाहन खुद चलने लायक नहीं, वही गजरथ बन गया – तो संदेश साफ है कि प्रशासनिक जागरूकता भी ‘एक्सपायर’ हो चुकी है,” एक ग्रामीण ने तंज कसते हुए कहा।
वहीं, पर्यावरण और वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के अभियानों को दिखावे के बजाय वास्तविक संवेदनशीलता के साथ चलाने की जरूरत है। पुराने, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों से ‘वन्यजीव संरक्षण’ का संदेश देना खुद विरोधाभास है।

अब सवाल यह उठता है कि –
- क्या ‘गजरथ’ का यह आयोजन वास्तव में लोगों को जागरूक करेगा या सिर्फ फोटो सेशन तक सीमित रहेगा?
- क्या मुख्यमंत्री और विभागीय अधिकारी इस तकनीकी लापरवाही की जिम्मेदारी लेंगे?
- और क्या प्रशासन एक्सपायर सरकारी वाहनों के दुरुपयोग पर कोई कार्रवाई करेगा?
‘गजरथ’ के शुभारंभ के साथ ही प्रशासनिक संवेदनशीलता पर भी बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो गया है।



