चोटीगुड़ा में अधेड़ की हत्या का पुलिस ने किया त्वरित खुलासा ; आरोपी दिलकुमार राठिया चंद घंटों में गिरफ्तार, 24 घंटे में जेल…

रायगढ़, 27 नवंबर। घरघोड़ा थाना पुलिस ने ग्राम चोटीगुड़ा के केदलीपारा में 55 वर्षीय ग्रामीण राजाराम राठिया की हत्या मामले में बेहतरीन त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर 24 घंटे के भीतर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया। संवेदनशील प्रकरण में पुलिस की कार्यवाही अपनी तेजी और पेशेवर दक्षता के कारण चर्चा में है।
घटनास्थल पर FSL सहित पुलिस की संयुक्त जांच : गुरुवार सुबह हत्या की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी निरीक्षक कुमार गौरव साहू ने मामले को वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट किया। इसके बाद एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्धांत तिवारी, थाना प्रभारी और एफएसएल टीम ने मौके पर पहुँचकर वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन किया। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मृतक राजाराम की हत्या गांव के ही दिलकुमार राठिया ने की है।
रात के विवाद से हत्या तक – ठंडे दिमाग वाला खुलासा : मृतक के बेटे मनमोहन राठिया ने पुलिस को बताया कि 26 नवंबर की रात दिलकुमार, उसकी पत्नी और पिता घर के आंगन में आग ताप रहे थे।दिलकुमार और उसके पिता के बीच अक्सर होने वाले विवाद की तरह उस रात भी झगड़ा हुआ। मनमोहन इसे सामान्य मानकर सोने चला गया।
सुबह दिलकुमार ने स्वयं मनमोहन को बताया कि विवाद बढ़ने पर उसने जलाऊ लकड़ी से राजाराम को मार डाला। शव घर के भीतर मिला।
इसी आधार पर पुलिस ने मर्ग क्रमांक 117/2025 धारा 194 बीएनएसएस तथा अपराध क्रमांक 315/2025 धारा 103(1) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया।
आरोपी ने स्वीकारा अपराध, सबूत मिटाने का भी प्रयास : थाना प्रभारी ने तत्काल संदेही दिलकुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की। कड़ी पूछताछ में आरोपी ने पुरानी रंजिश के चलते विवाद के दौरान हत्या करने का अपराध स्वीकार कर लिया। उसने यह भी कबूला कि हत्या में प्रयुक्त लकड़ी को जलाकर साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास किया। इस आधार पर प्रकरण में धारा 238 बीएनएस (साक्ष्य नष्ट करना) जोड़ी गई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई – स्थानीय तंत्र में बढ़ा भरोसा : आरोपी दिलकुमार राठिया (46) निवासी चोटीगुड़ा केदलीपारा को गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया। पूरी कार्रवाई पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, और एसडीओपी सिद्धांत तिवारी के मार्गदर्शन में की गई। प्रकरण के त्वरित खुलासे में निरीक्षक कुमार गौरव साहू और उनकी टीम की निर्णायक भूमिका रही।




