देश

वरिष्ठ पत्रकार मणि आर्य पर जानलेवा हमला, दिल्ली पुलिस पर गंभीर सवाल

नई दिल्ली। राजधानी में अपराध और अवैध कारोबार का भंडाफोड़ करने वाले वरिष्ठ पत्रकार मणि आर्य पर शनिवार रात उनके ही आवास के बाहर जानलेवा हमला हुआ। दो अज्ञात युवकों ने गालियाँ देते हुए उन पर ईंट से वार करने की कोशिश की और जान से मारने की धमकियाँ दीं। इस हमले ने एक बार फिर दिल्ली की कानून-व्यवस्था और पुलिस की संवेदनशीलता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।

दरवाजे पर लगी ईंट, बाल-बाल बचे पत्रकार : पत्रकार मणि आर्य ने बताया कि 20 सितंबर की रात करीब 10:07 बजे दो युवक पहाड़गंज स्थित उनके घर के बाहर आए और जालीदार दरवाजे से उन्हें देखकर ईंट फेंकी। सौभाग्य से दरवाजा बंद था, जिससे ईंट टकराकर रुक गई और वे बाल-बाल बच गए। इस दौरान हमलावर लगातार गंदी-गंदी गालियाँ देकर उन्हें धमकाते रहे।

PCR को कॉल, लेकिन पुलिस नहीं पहुँची : मणि आर्य ने हमले के तुरंत बाद 10:12 बजे PCR को कॉल किया। लेकिन हैरानी की बात है कि मौके पर कोई पुलिसकर्मी नहीं पहुँचा। पत्रकार का सवाल है  – “अगर राजधानी के बीचों-बीच एक पत्रकार असुरक्षित है और पुलिस मदद को समय पर नहीं आती, तो आम नागरिक कैसे सुरक्षित होंगे?”

CCTV में कैद हमलावर, गवाहों ने देखा रिवॉल्वर : 21 सितंबर को थाना नबी करीम से SI हर्ष और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुँचे और आसपास के CCTV फुटेज खंगाले। फुटेज में दोनों हमलावर स्पष्ट नजर आए। चश्मदीद गवाहों ने यह भी बताया कि आरोपियों के पास रिवॉल्वर जैसी हथियार भी था।

पत्रकार मणि आर्य ने यह हमला सुनियोजित बताया है। उनका आरोप है कि इसके पीछे मनीष चड्ढा और बलविंदर कपूर का हाथ हो सकता है। उन्होंने 15 और 18 सितंबर को ही दिल्ली पुलिस आयुक्त, DCP सेंट्रल और SHO नबी करीम को लिखित शिकायत देकर अपनी सुरक्षा की आशंका जताई थी।

इस घटना ने पूरे पत्रकार समुदाय में गुस्सा भड़का दिया है। पत्रकार संगठनों का कहना है कि – “पत्रकारों पर हमले लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। अगर दिल्ली जैसे शहर में पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं, तो जनता की आवाज़ कौन उठाएगा?”

मणि आर्य ने अपनी शिकायत में स्पष्ट कहा है कि यदि भविष्य में उन्हें या उनके परिवार को कोई जान-माल की हानि होती है, तो इसके लिए वही लोग जिम्मेदार होंगे जिनके नाम उन्होंने पुलिस को सौंपे हैं।

CMO, PMO और होम मिनिस्ट्री तक पहुँची मांग : पत्रकार ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO Delhi), प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), दिल्ली पुलिस कमिश्नर, डीसीपी सेंट्रल और गृह मंत्रालय से तुरंत हस्तक्षेप कर दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

यह हमला सिर्फ एक पत्रकार पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र की चौथी ताकत पर सीधा वार है। सवाल साफ है — क्या दिल्ली पुलिस पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम हो रही है?

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!