सरगुजा : घाटबर्रा में जमीन घोटाला! राजस्व विभाग और भू-माफियाओं की मिलीभगत से गरीबों की 68 एकड़ जमीन हड़पी गई, मुआवजा भी डकार गए दबंग…

सरगुजा। जिले के उदयपुर ब्लॉक के घाटबर्रा कोल माइंस क्षेत्र में गरीब किसानों की जमीन पर भू-माफियाओं और राजस्व विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों ने संगठित रूप से कब्जा कर लिया है। 68 एकड़ से अधिक जमीन फर्जी तरीके से भू-माफियाओं के नाम कर दी गई, और परसा-केते कोल ब्लॉक परियोजना से मिलने वाला करोड़ों रुपये का मुआवजा भी इन रसूखदारों ने हड़प लिया।
कलेक्टर के आदेश के बावजूद जांच ठप : पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर और कमिश्नर सरगुजा को विस्तृत शिकायत देकर जांच की मांग की थी। कलेक्टर ने जांच के आदेश तो दे दिए, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी न जांच शुरू हुई, न दोषियों पर कोई कार्रवाई। सोमवार को पीड़ित परिवार पुनः कलेक्टर जनदर्शन पहुंचे और गुहार लगाई कि न्याय मिले, जमीन और मुआवजा वापस दिलाया जाए।
फर्जीवाड़े की कहानी: 2.33 एकड़ से 18 एकड़ तक बढ़ी जमीन : ग्राम घाटबर्रा में 2015 से पहले परसा-केते कोल ब्लॉक के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था। मुआवजा सर्वे के आधार पर तय हुआ, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी करके असली मालिकों की जगह भू-माफियाओं और उनके रिश्तेदारों के नाम दर्ज कर दिए गए।
- ग्राम के ठीभू राम की केवल 2.33 एकड़ जमीन थी, लेकिन भू-माफियाओं ने 18 एकड़ जमीन को 22 लोगों के नाम पर रजिस्ट्री करा दी।
- परबतिया ने अंबिकापुर के ईश्वर अग्रवाल को सिर्फ 20 डिसमिल जमीन बेची थी, मगर राजस्व अफसरों की मिलीभगत से 20 एकड़ जमीन ईश्वर अग्रवाल और उसके 15 सहयोगियों के नाम कर दी गई।
- तिलमेत ने 7 डिसमिल जमीन बेची थी, लेकिन उसकी 17 एकड़ जमीन को 25 अन्य लोगों के नाम फर्जी तरीके से दर्ज कर दिया गया।
इस तरह 84 प्लॉटों में से लगभग 68 एकड़ जमीन पर फर्जीवाड़ा कर, तत्कालीन पटवारी, तहसीलदार और उप पंजीयक ने खुद को या अपने लोगों को मालिक बना लिया।
मुआवजा भी हड़प लिया, अब बेदखली का नोटिस : मुआवजे के कागजों में उन्हीं लोगों के नाम दर्शाए गए जिन्हें फर्जी रजिस्ट्री का फायदा पहुंचाया गया था। वास्तविक भूमि स्वामियों को न तो मुआवजा मिला, न पुनर्वास। अब कोल माइंस कंपनी ने उन्हीं वास्तविक जमीन मालिकों को बेदखली का आदेश जारी कर दिया है, जिनके घर और खेत उसी जमीन पर हैं।
पीड़ितों ने कहा – “हमसे जमीन भी छिन गई, मुआवजा भी नहीं मिला, अब कंपनी घर खाली करने कह रही है। हम जाएं तो जाएं कहां?”
जांच की मांग, प्रशासन मौन : पीड़ित ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे घोटाले की राजस्व और पुलिस विभाग से संयुक्त जांच कराई जाए, और जिन अधिकारियों-कर्मचारियों के कार्यकाल में फर्जी रजिस्ट्री हुई है – उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और भूमाफिया अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
जनता के सवाल :
- क्या प्रशासनिक संरक्षण के बिना इतना बड़ा जमीन घोटाला संभव है?
- जब कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए थे, तो एक महीना बीतने के बाद भी फाइल क्यों नहीं खुली?
- आखिर क्यों गरीबों की जमीन कोल कंपनी और भू-माफियाओं की सौदेबाजी का माध्यम बना दी गई?
यह मामला सिर्फ जमीन का नहीं, यह न्याय और व्यवस्था पर जनता के भरोसे का सवाल है। सरगुजा प्रशासन अगर अब भी नहीं जागा तो घाटबर्रा की यह आग पूरे क्षेत्र में फैल सकती है।




