अब बदलेगा वार्षिक परीक्षा का चेहरा! त्रैमासिक और छःमाही परीक्षा के अंक भी जुड़ेंगे अंतिम परिणाम में – शिक्षा विभाग ने लागू की नई मूल्यांकन प्रणाली…

रायगढ़। छत्तीसगढ़ शासन ने स्कूल शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए अब छात्रों के पूरे शैक्षणिक सत्र के प्रदर्शन को अंतिम परीक्षा परिणाम में शामिल करने का फैसला किया है। स्कूल शिक्षा विभाग रायपुर के निर्देश पर जारी इस नई व्यवस्था के तहत अब वार्षिक परीक्षा में केवल अंतिम परीक्षा ही निर्णायक नहीं होगी, बल्कि त्रैमासिक और छःमाही परीक्षाओं का प्रदर्शन भी उतना ही महत्वपूर्ण रहेगा।
जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ ने बताया कि नई परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली का उद्देश्य शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार, पारदर्शिता बढ़ाना और छात्रों में निरंतर अध्ययन की आदत विकसित करना है।
नई व्यवस्था के अनुसार –
- कक्षा 1वीं से 4वीं, 6वीं और 7वीं के छात्रों के लिए अब त्रैमासिक परीक्षा के 20%, छःमाही परीक्षा के 20% और वार्षिक परीक्षा के 60% अंकों को मिलाकर परिणाम तैयार किया जाएगा।
- कक्षा 5वीं और 8वीं के विद्यार्थियों के लिए छःमाही परीक्षा के 30% और वार्षिक परीक्षा के 70% अंकों को जोड़कर अंतिम परिणाम घोषित होगा।
- कक्षा 9वीं और 11वीं के लिए भी यही प्रणाली लागू होगी — यानी छःमाही के 30% और वार्षिक के 70% अंक मिलाकर परिणाम तय किया जाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि इस नई मूल्यांकन पद्धति से छात्रों का आकलन केवल एक परीक्षा पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि पूरे साल की मेहनत को महत्व मिलेगा। इससे परीक्षा परिणाम अधिक निष्पक्ष, संतुलित और पारदर्शी बनेंगे।
शिक्षा विभाग का मानना है कि यह सुधार छात्रों में निरंतर अध्ययन की प्रवृत्ति को बढ़ावा देगा और शिक्षक-विद्यालयों को भी वर्षभर शिक्षण गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करेगा।
संक्षेप में – अब हर परीक्षा होगी मायने रखती, क्योंकि सालभर की मेहनत ही तय करेगी नतीजा!




