धरमजयगढ़ में महिला शक्ति की दहाड़ – श्रीमती बृहस्पति चौहान बोलीं: “अब आवाज दबेगी नहीं, उठेगी – और बदलाव तय है!…”

धरमजयगढ़ (रायगढ़)। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन ब्लॉक इकाई धरमजयगढ़ के चुनाव में इस बार इतिहास बनता दिख रहा है।
पहली बार किसी महिला शिक्षक ने ब्लॉक अध्यक्ष के लिए दमदार दावा पेश किया है –
श्रीमती बृहस्पति चौहान, सहायक शिक्षक (एलबी), जिन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा है —
“अब धरमजयगढ़ के शिक्षकों की आवाज कोई नहीं दबा सकेगा। अब नेतृत्व एक महिला करेगा – जो न दबेगी, न झुकेगी, बस लड़ती रहेगी!”
“यह चुनाव नहीं, आंदोलन है” – बृहस्पति चौहान का गरजता ऐलान : धरमजयगढ़ के शिक्षकों के बीच श्रीमती चौहान की अपील ने हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा –
“वर्षों से इस ब्लॉक में पुरुषों ने नेतृत्व किया, लेकिन न समस्याएँ खत्म हुईं, न भ्रष्टाचार। अब वक्त है धरमजयगढ़ की एक बेटी को मौका देने का, जो निडर होकर आवाज उठाएगी और हर शिक्षक के अधिकार की लड़ाई लड़ेगी।”
उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनका उद्देश्य कुर्सी नहीं, परिवर्तन है –
“मेरी जीत किसी व्यक्ति की नहीं, हर उस शिक्षक की जीत होगी, जो बेवजह फाइलों में उलझा, भ्रष्ट बाबुओं के ताने झेले और अपनी मेहनत की कीमत के लिए दर-दर भटका।”
शिक्षकों के हक की लड़ाई : बृहस्पति चौहान ने एक जनघोषणा पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर वे विजयी होती हैं तो धरमजयगढ़ ब्लॉक में निम्नलिखित ठोस कदम तुरंत उठाए जाएँगे –
🔸 भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार: “कार्यालय के बाबू अगर पैसा मांगेंगे, तो मैं सामने खड़ी रहूंगी।”
🔸 महिला शिक्षिकाओं के अधिकार: मातृत्व अवकाश और संतान पालन अवकाश पर त्वरित कार्यवाही — “अब किसी बहन को फाइलों में नहीं अटकने दूंगी।”
🔸 संकुल अध्यक्षों को सशक्त बनाना: “हर संकुल में नेता नहीं, जिम्मेदार प्रहरी तैयार होगा।”
🔸 सेवा पुस्तिका व मेडिकल अवकाश में त्वरित निर्णय: “अब छुट्टी के लिए नहीं, काम के लिए दफ्तर जाना होगा।”
🔸 रिटायर व मृत शिक्षकों के मामलों का समयबद्ध निपटारा।
🔸 आश्रित परिवारों के इलाज में ‘कैशलेस चिकित्सा सुविधा’ की मांग।
🔸 योग्यता, एरियर्स और पदोन्नति पर दबाव: “अब किसी को अपने हक के लिए गिड़गिड़ाना नहीं पड़ेगा।”
बृहस्पति चौहान बोलीं –
“मुझे महिला मत समझिए, मुझे कर्मठ शिक्षक समझिए। मैं हर उस आवाज़ की प्रतिनिधि हूं जिसे वर्षों से दबाया गया। अगर आप आज महिला को मौका नहीं देंगे, तो आने वाली पीढ़ी कभी आगे नहीं बढ़ पाएगी।
धरमजयगढ़ की धरती से मैं वादा करती हूं —
भ्रष्टाचार मिटाऊंगी, अधिकार दिलाऊंगी, और शिक्षक सम्मान का झंडा बुलंद करूंगी!”
चुनाव का महासंग्राम :
📅 तारीख: 5 अक्टूबर 2025 (रविवार)
🏫 स्थान: स्वामी आत्मानंद स्कूल, धरमजयगढ़ (रायगढ़)
उन्होंने सभी विधि मान्य सदस्यों, विशेषकर बाहर पदस्थ शिक्षकों से भावनात्मक अपील की —
“साथियो, इस बार आपका एक वोट सिर्फ दीदी को नहीं, धरमजयगढ़ की पहचान को मजबूत करेगा।
बाहर पदस्थ साथी भी कल हर हाल में पहुंचें और एक महिला की सशक्त आवाज़ को विजय दिलाएं।”
धरमजयगढ़ में चर्चा तेज – “क्या इस बार इतिहास बदलेगा?” : धरमजयगढ़ में बृहस्पति चौहान की दावेदारी चर्चा का केंद्र बन गई है।
कई शिक्षक इसे संगठन के इतिहास में ‘पहली महिला क्रांति’ बता रहे हैं।
उनकी स्पष्टवादिता, जनसमर्पण और बेबाक शैली ने शिक्षकों के बीच नई उम्मीदें जगाई हैं।
नारा गूंज रहा है –
“धरमजयगढ़ की बेटी, शिक्षक हितों की शक्ति!”
“अबकी बार – बृहस्पति चौहान!”
“बृहस्पति चौहान – संघर्ष की पहचान!”




