जनता से लूटे पैसों से जुआ खेलते पकड़ाए सात पटवारी?…, संघ का प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल – प्रशासन में मचा हड़कंप…

जांजगीर-चांपा। जिले से सरकारी तंत्र की साख पर बट्टा लगाने वाला मामला सामने आया है। कोतवाली पुलिस ने शनिवार देर रात एक मकान में छापा मारकर सात पटवारियों सहित आठ लोगों को जुआ खेलते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। चौंकाने वाली बात यह है कि पकड़े गए लोगों में राजस्व पटवारी संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ज्योतिष सर्वे भी शामिल हैं। पुलिस ने मौके से लगभग 20 लाख रुपये मूल्य का सामान जब्त किया है।
क्या है पूरा मामला : सूत्रों के मुताबिक, कोतवाली पुलिस को रमन नगर स्थित एक मकान में लंबे समय से जुआ खेले जाने की गुप्त सूचना मिल रही थी। सूचना के आधार पर थाना प्रभारी के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई और देर रात छापेमारी की गई। पुलिस ने मौके पर सात पटवारी और एक निजी ऑपरेटर को जुआ खेलते हुए धर दबोचा।
जनता के टैक्स से तनख्वाह, और समय जुए की मेज पर :जिन कर्मचारियों पर जमीन, रजिस्ट्री और राजस्व से जुड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है, वही अब जनता के भरोसे के साथ जुआ खेलते पकड़े गए। यह सिर्फ एक कानूनी उल्लंघन नहीं, बल्कि सरकारी सेवा की गरिमा और नैतिकता पर सीधा प्रहार है।
जनता का कहना है –
“जो जमीन का न्याय करें, वही खेलें जुए की बाज़ी? अगर ऐसे ही लोग सरकारी कुर्सियों पर बैठे रहेंगे, तो जनता का भरोसा किस पर टिका रहेगा?”
गिरफ्तार आरोपी :
- ज्योतिष सर्वे (जांजगीर) — कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष, राजस्व पटवारी संघ
- गोविंद कंवर (कोरबा)
- उमेश पटेल (सक्ती)
- हेमचंद तिवारी (जांजगीर)
- राहुल प्रताप सिंह (जांजगीर)
- देवेश अम्बष्ट (जांजगीर)
- हरीश सिंह — निजी ऑपरेटर
- रवि राठौर (जांजगीर निवासी)
20 लाख रुपये मूल्य का सामान जब्त : छापेमारी के दौरान पुलिस ने जुआ स्थल से भारी मात्रा में सामग्री जब्त की –
- ₹40,200 नकद
- 52 ताश की गड्डियाँ
- 6 मोबाइल फोन
- 2 कार
- 2 स्कूटी
पुलिस के अनुसार जब्त सामान की कुल अनुमानित कीमत लगभग 20 लाख रुपये है।
पुलिस ने किया मामला दर्ज : कोतवाली पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ सार्वजनिक जुआ अधिनियम (Public Gambling Act) के तहत अपराध दर्ज किया है। फिलहाल, पूछताछ जारी है। जांच का दायरा बढ़ाते हुए यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं यह जुआ नेटवर्क किसी संगठित गिरोह या सरकारी संरक्षण में तो नहीं चल रहा था।
प्रशासनिक हलकों में हलचल : राजस्व विभाग के जिम्मेदार पदों पर बैठे पटवारियों का इस तरह पकड़ा जाना विभाग के लिए बड़ी शर्मनाक स्थिति है। राजस्व पटवारी संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष का नाम सामने आने से विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा –
“यदि आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो संबंधित कर्मचारियों को निलंबन के साथ विभागीय जांच का सामना करना पड़ेगा।”
आगे की कार्रवाई जारी : पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल, वाहनों और कॉल डिटेल्स की जांच शुरू कर दी है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह अवैध गतिविधि कब से चल रही थी और इसमें कौन-कौन शामिल थे।
सरकारी पदों पर बैठे वे लोग, जिन पर जनता के हितों की रक्षा की जिम्मेदारी है, जब स्वयं कानून तोड़ते पकड़े जाते हैं, तो यह शासन व्यवस्था और प्रशासनिक अनुशासन – दोनों के लिए गहरी चिंता का विषय बन जाता है।
यह मामला न केवल एक जुआ कांड है, बल्कि प्रशासनिक तंत्र में व्याप्त नैतिक पतन की एक सजीव तस्वीर भी पेश करता है।



