जशपुर

जशपुर पुलिस ने 6 करोड़ रुपये की ठगी का किया खुलासा ; दो प्रमुख आरोपित गिरफ्तार, अन्य फरार; निवेश पर ऊँचे ब्याज का झांसा देकर की गई थी ठगी…

जशपुर, 19 अक्टूबर 2025। जशपुर पुलिस ने एक संगठित ठगी प्रकरण का पर्दाफाश करते हुए दो मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने कृषि उत्पाद और शेयर मार्केट में निवेश पर ऊँचे ब्याज का झांसा देकर ग्रामीणों से लगभग 6 करोड़ रुपये की ठगी की थी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के निर्देश पर गठित विशेष पुलिस टीम ने यह कार्रवाई की। पुलिस ने जिला शक्ति और जांजगीर-चांपा से दो आरोपितों को हिरासत में लेकर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

घटना का प्रारंभ और ठगी की रूपरेखा : मामला थाना पत्थलगांव क्षेत्र का है। वर्ष 2023 में क्षेत्र के निवासी जागेश्वर लाल यादव और उनके साथियों को “C Bulls Global Solution” नामक कंपनी से कृषि संबंधी उत्पादों में निवेश का प्रस्ताव मिला। कंपनी के प्रतिनिधि संतोष कुमार साव ने स्थानीय होटल ‘मान्या’ में निवेशकों को बताया कि कंपनी कृषि उत्पाद आधारित व्यवसाय में निवेश पर अच्छा लाभ प्रदान करती है।

इसके बाद ग्रामीणों से विभिन्न माध्यमों से बड़ी राशि एकत्र की गई। कुछ महीनों तक निवेशकों को ब्याज के रूप में धन लौटाया गया, जिससे लोगों का विश्वास बना रहा। तत्पश्चात कंपनी ने भुगतान बंद कर दिया और संपर्क तोड़ लिया।

शेयर ट्रेडिंग और बैंक गारंटी का झांसा : जांच में सामने आया कि कंपनी के तथाकथित एमडी मोहम्मद सिराज आलम ने निवेशकों को यह कहकर विश्वास में लिया कि उनकी कंपनी सेबी में पंजीकृत है और शेयर बाजार में कार्यरत है। निवेशकों को प्रतिदिन 1 प्रतिशत ब्याज और दस महीनों में मूलधन दोगुना होने का वादा किया गया। आरोपितों ने निवेश की सुरक्षा के लिए फेडरल बैंक और इंडसइंड बैंक के चेक भी दिए, जिससे ग्रामीणों का भरोसा और बढ़ गया।

निवेशकों से दस्तावेज लेकर फर्जी कंपनी का पंजीकरण : जब निवेशकों ने अपनी राशि वापसी की मांग की, तो ठगों ने उड़ीसा के सुंदरगढ़ में बैठक आयोजित कर “हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड” के बहाने उनसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और हस्ताक्षर लिए। बाद में इन्हीं दस्तावेजों का उपयोग कर “C Bulls सहयोग निधि रियल एस्टेट एंड फाइनेंस लिमिटेड” नामक एक नई कंपनी का पंजीकरण कराया गया, और निवेशकों को उसके निदेशक के रूप में दर्ज कर दिया गया। यह ठगी को वैध रूप देने का एक प्रयास था।

जशपुर पुलिस की त्वरित कार्रवाई : प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने तत्काल जांच के निर्देश दिए। एसडीओपी पत्थलगांव धुर्वेश कुमार जायसवाल और थाना प्रभारी निरीक्षक विनीत कुमार पांडे के नेतृत्व में टीम ने जिला शक्ति और जांजगीर-चांपा में दबिश देकर दो प्रमुख आरोपितों – हरिशरण देवांगन (52 वर्ष, निवासी जैजैपुर, जिला शक्ति) तथा संतोष कुमार साहू (46 वर्ष, निवासी मुदुपर, जिला जांजगीर-चांपा) को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस टीम को स्थानीय स्तर पर कुछ विरोध का सामना भी करना पड़ा, परंतु पुलिस ने संयम एवं दक्षता के साथ कार्रवाई पूरी की।

जांच में उजागर हुआ ठगी का तरीका : पुलिस जांच में यह तथ्य सामने आया कि आरोपितों ने निवेशकों से प्राप्त धन का उपयोग “पोंजी स्कीम” की तर्ज पर किया। पुराने निवेशकों को ब्याज के रूप में भुगतान नए निवेशकों से प्राप्त राशि से किया जाता था। जब नए निवेशक जुड़ना बंद हो गए, तो ब्याज भुगतान रुक गया और कंपनी के संचालकों ने वेबसाइट तथा संपर्क नंबर बंद कर दिए।

प्रमुख निवेशक एवं ठगी की राशि :

  • जागेश्वर लाल यादव: ₹1.80 करोड़
  • लक्ष्मण केशवानी: ₹95 लाख
  • कमलेश यादव: ₹10 लाख
  • भूषण पटेल: ₹33 लाख
  • डॉ. पीताम्बर साय निराला: ₹25 लाख
  • राजेश देवांगन: ₹15 लाख
    कुल मिलाकर लगभग 6 करोड़ रुपये की ठगी की पुष्टि हुई है।

धाराएँ और कानूनी कार्रवाई : थाना पत्थलगांव में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (ठगी), 120B (षड्यंत्र) और 34 (सामूहिक अपराध) के अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच की गयी है। दोनों गिरफ्तार आरोपितों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है, जबकि अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।

एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया –

“पत्थलगांव क्षेत्र में फर्जी निवेश योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई थी। पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए दो प्रमुख आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
अन्य आरोपितों की पहचान कर ली गई है और उन्हें भी शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा। नागरिकों से अपील है कि किसी भी ऐसी योजना में निवेश करने से पहले उसकी सत्यता अवश्य जांच लें।”

पुलिस टीम की भूमिका : इस कार्रवाई में एसडीओपी धुर्वेश कुमार जायसवाल, थाना प्रभारी निरीक्षक विनीत कुमार पांडे, उप निरीक्षक संतोष तिवारी, आरक्षक आशीषन टोप्पो, राजेंद्र रात्रे, कमलेश्वर वर्मा की सराहनीय भूमिका रही।

जशपुर पुलिस की यह कार्रवाई निवेश ठगी के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। यह न केवल ठग गिरोहों के नेटवर्क को उजागर करती है, बल्कि नागरिकों को यह चेतावनी भी देती है कि अल्प समय में अधिक लाभ का कोई भी प्रस्ताव प्रायः ठगी का संकेत होता है।

Ambika Sao

सह-संपादक

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