
रायगढ़। शहर की केलो नदी शुक्रवार को उस वक्त मातम में डूब गई, जब महज 8 साल की मासूम सीता सारथी की जिंदगी उसी नदी की लहरों में समा गई। जोगीडीपा की रहने वाली सीता अपनी सहेलियों के साथ नहाने के लिए नदी गई थी, लेकिन कुछ ही पलों में खेल-खेल में उसकी हंसी चीखों में बदल गई।
घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के समलाई मंदिर घाट के पास दोपहर करीब 12 बजे की है। बताया जा रहा है कि सीता अपनी 2-3 सहेलियों के साथ नदी में उतरकर नहा रही थी, तभी अचानक उसका पैर फिसला और वह गहरे पानी में चली गई। छोटी बच्चियां कुछ समझ पातीं, इससे पहले सीता डूब चुकी थी।
“चीख सुनकर दौड़े लोग, पर तब तक देर हो चुकी थी” – प्रत्यक्षदर्शी और स्थानीय युवक प्रशांत सोनी ने बताया कि “नदी की तरफ से अचानक मदद के लिए चीख सुनाई दी। हम लोग भागते हुए पहुंचे, तुरंत नदी में कूदे, पर बच्ची नजर नहीं आई। आधे घंटे तक खोजते रहे, लेकिन वो कहीं नहीं मिली। बाद में पुलिस और गोताखोर पहुंचे तो शव मिला — तब तक सब खत्म हो चुका था।”
गोताखोरों ने निकाला शव, अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित : मामले की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस और गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंची। सर्च ऑपरेशन करीब आधे घंटे तक चला, जिसके बाद मासूम सीता का शव पानी से निकाला गया।
शव को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने सीता को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पंचनामा कार्यवाही के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
गांव में पसरा सन्नाटा, परिवार का रो-रोकर बुरा हाल : 8 साल की सीता की मौत की खबर जैसे ही जोगीडीपा गांव पहुंची, पूरा माहौल गमगीन हो गया। परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। मोहल्ले के लोग अब तक यकीन नहीं कर पा रहे कि कुछ ही पलों में उनकी चंचल सीता यूं हमेशा के लिए खामोश हो जाएगी।
बारिश के बाद बढ़ा जलस्तर बना खतरा : स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। बावजूद इसके बच्चे और ग्रामीण बिना सुरक्षा के नहाने पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से घाटों पर चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।
🕯️ एक मासूम जिंदगी… एक लापरवाही… और एक परिवार का सन्नाटा। केलो की लहरें आज भी उस आखिरी पुकार की गूंज समेटे हुए हैं।




