कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी का कड़ा संदेश: अब राजस्व के हर प्रकरण होंगे ई-कोर्ट में, लापरवाही पर होगी सीधी कार्रवाई

• फार्मर रजिस्ट्री पूर्ण करने का अल्टीमेटम, खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी पर वसूली का सख्त आदेश…
रायगढ़। जिले में सुस्त राजस्व तंत्र पर अब कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी की सख्त नजर है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है -“राजस्व विभाग का कोई भी प्रकरण ऑफलाइन नहीं रहेगा, जो अधिकारी लापरवाही करेगा, उसकी जिम्मेदारी तय होगी और कार्रवाई निश्चित है।”
कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में राजस्व विभाग के सभी कार्यों की बारीकी से समीक्षा की और यह संदेश दिया कि अब शासन के कामकाज में पारदर्शिता, जवाबदेही और गति तीनों का संतुलन अनिवार्य होगा।
ई-कोर्ट में अनिवार्य पंजीयन – जवाबदेही की नई कसौटी : कलेक्टर चतुर्वेदी ने कहा कि राजस्व विभाग के प्रत्येक प्रकरण – चाहे वह नामांतरण, सीमांकन, डायवर्सन या त्रुटि सुधार से जुड़ा हो – अब ई-कोर्ट पोर्टल में पंजीकृत होना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट कहा, “अब कोई भी मामला फाइलों में दबा नहीं रहेगा, हर प्रकरण ऑनलाइन मॉनिटर होगा और जनता को पारदर्शी समाधान मिलेगा।”
उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी तहसीलदार या अधिकारी ऑफलाइन प्रकरण रखेगा, उस पर सीधी जवाबदेही तय होगी।
फार्मर रजिस्ट्री में ढिलाई पर बर्दाश्त नहीं : कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देशित किया कि एग्रीस्टैक पोर्टल पर फार्मर रजिस्ट्री का कार्य तत्काल पूर्ण किया जाए, ताकि कोई भी किसान शासन की योजनाओं से वंचित न हो।
उन्होंने कहा कि फौती, वारिसान पंजीयन, खसरा त्रुटि और भुइंया पोर्टल में नाम न दिखने जैसी समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जाए।
उनका दो टूक संदेश था – “यह कार्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में है, इसमें किसी भी स्तर की ढिलाई को गंभीर लापरवाही माना जाएगा।”
खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी पाए जाने पर ‘वसूली की कार्रवाई’ का आदेश : बैठक में खाद्यान्न वितरण व्यवस्था भी कलेक्टर की सख्त समीक्षा से अछूती नहीं रही। उन्होंने कहा कि किसी भी उचित मूल्य दुकान में गड़बड़ी पाई गई तो नियमों के तहत वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने एसडीएमों को निर्देशित किया कि राशन दुकानों का भौतिक सत्यापन करें और यह सुनिश्चित करें कि पात्र हितग्राहियों को पूरा राशन समय पर मिले। “खाद्यान्न वितरण में अनियमितता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी,” कलेक्टर ने चेताया।
राजस्व कर्मियों की कार्यकुशलता पर फोकस : कलेक्टर चतुर्वेदी ने कहा कि राजस्व अभिलेखों की शुद्धता शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने नक्शा बंटांकन, लैंड बैंक, मिसल से खसरा मिलान, आधार सीडिंग जैसे कार्यों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा – “राजस्व शासन-प्रशासन की रीढ़ है। अधिकारी अपने अधीनस्थों की जवाबदेही तय करें, दक्षता बढ़ाएं और उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित करें।”
जनता को पारदर्शी, त्वरित और न्यायपूर्ण सेवा देना ही लक्ष्य :
बैठक में अपर कलेक्टर अपूर्व प्रियेश टोप्पो, सहायक कलेक्टर अक्षय डोसी, रवि राही, डॉ. प्रियंका वर्मा, तथा जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने समापन में कहा कि प्रशासन तभी सशक्त माना जाएगा, जब जनता का विश्वास उसकी पारदर्शिता और संवेदनशीलता पर टिका रहे।




