
- नगर के बीचों-बीच होटलों में खुलेआम परोसी जा रही शराब, जिम्मेदार मौन…
- संतोषी मंदिर से घाट तक खुले 20 से ज्यादा अवैध अहाते, महिलाओं का निकलना हुआ दुभर…
- 6 महीने में 20 से ज्यादा एक्सीडेंट, फिर भी सिर्फ ‘कागजी कार्रवाई’ का दावा…
जशपुर (विशेष संवाददाता)। जिले का पत्थलगांव अब धीरे-धीरे ‘मदिरा-नगर’ में तब्दील होता जा रहा है। शहर का रायगढ़ रोड, जो कभी अपनी हरियाली और शांत वातावरण के लिए जाना जाता था, आज शराबियों का अड्डा बन चुका है। आलम यह है कि सरकारी शराब दुकान की आड़ में पूरा इलाका एक ‘ओपन बार’ में बदल गया है, जहाँ कानून का नहीं, बल्कि नशेड़ियों का राज चलता है। और विडंबना देखिए, शहर के बीचों-बीच होटलों में शराब परोसी जा रही है, सड़कों पर खुलेआम जाम छलक रहे हैं, लेकिन प्रशासन ‘मूकदर्शक’ बना तमाशा देख रहा है।
रायगढ़ रोड : टहलने वालों की जगह अब शराबियों का कब्जा : रायगढ़ रोड स्थित नंदनझरिया उद्यान की ओर जाने वाला रास्ता कभी शहरवासियों के लिए ‘मॉर्निंग और इवनिंग वॉक’ का पसंदीदा ठिकाना था। लेकिन सरकारी शराब दुकान खुलने के बाद से यहाँ का मंजर डरावना हो चुका है। स्थानीय निवासी पी.के. अग्रवाल का दर्द प्रशासन की नाकामी को बयां करता है। उन्होंने बताया कि पहले यहाँ का वातावरण खुशनुमा था, लोग परिवार के साथ टहलने आते थे। लेकिन अब संतोषी मंदिर से लेकर घाट तक 20 से भी अधिक अवैध अहाते (चखना सेंटर) कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं। यहाँ दिन-रात मांस-मदिरा का सेवन और शराबियों की गाली-गलौज आम बात हो गई है। भद्र जनों और महिलाओं का इस रास्ते से गुजरना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है।
रफ़्तार का कहर : बेकसूरों की टूट रही हड्डियाँ – शराब के नशे में धुत युवक सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहे हैं। स्थानीय नागरिक अंकुर गोयल ने प्रशासन की लापरवाही पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आंकड़े रखते हुए बताया कि पिछले 6 महीनों में इस मार्ग पर 20 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। शराब के नशे में बेलगाम वाहन चलाते युवक अक्सर अपना नियंत्रण खो देते हैं और राह चलते बेकसूर लोगों को अपनी चपेट में ले लेते हैं। हर हफ्ते किसी न किसी को अपने हाथ-पांव तुड़वाने पड़ रहे हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन दुर्घटना का इंतजार करते नज़र आते हैं।
शहर के होटलों में ‘वीआईपी’ व्यवस्था : सिर्फ रायगढ़ रोड ही नहीं, बल्कि नगर के बीचों-बीच संचालित कई होटलों में भी अवैध रूप से शराब परोसने का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। सूत्रों की मानें तो यह सब कुछ जिम्मेदार अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है, फिर भी कार्रवाई के नाम पर सिफर हाथ लगता है।
अधिकारी का ‘रटा-रटाया’ जवाब : जब इस अराजकता पर आबकारी विभाग से सवाल किया गया, तो वही पुराना घिसा-पिटा जवाब मिला। आबकारी उपनिरीक्षक यज्ञशरण शुक्ला का कहना है कि “36 ए व 36 सी के तहत शराब पीने-पिलाने वालों और अवैध अहातों पर अनेक बार कार्रवाई की गई है और आगे भी जारी रहेगी।”
बड़ा सवाल : अगर कार्रवाई हो रही है, तो अवैध अहातों की संख्या कम होने के बजाय बढ़ क्यों रही है? क्या प्रशासन किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है? स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस ‘जंगलराज’ पर लगाम नहीं लगाई गई, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।




