राज्योत्सव के दूसरे दिन रायगढ़ में झलका सांस्कृतिक उत्सव का रंग – स्कूली छात्र-छात्राओं की मनमोहक प्रस्तुतियों ने जीत लिया दर्शकों का दिल…

रायगढ़। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित जिला स्तरीय राज्योत्सव समारोह के दूसरे दिन रायगढ़ का शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम लोक संस्कृति, संगीत और नृत्य के रंगों से सराबोर नजर आया। स्कूली छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और पूरे मैदान को उत्साह और उमंग से झूमने पर मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ जन मित्रम एसपीएस मेमोरियल स्कूल, घरघोड़ा के विद्यार्थियों की आकर्षक आदिवासी लोकनृत्य प्रस्तुति से हुआ, जिसने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन किया। इसके बाद विद्या विकास कॉन्सेप्ट स्कूल के छात्रों ने वैदिक नृत्य के माध्यम से भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिक झलक प्रस्तुत की।
ओ.पी. जिंदल स्कूल, सावित्री नगर के विद्यार्थियों ने मिशन सिंधु पर आधारित नाटिका के जरिए सामाजिक समरसता और एकता का संदेश दिया। वहीं चक्रधर बाल सदन के बच्चों ने रामायण थीम पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ लिया।
कन्या परिसर, धरमजयगढ़ के विद्यार्थियों ने ऊर्जावान छत्तीसगढ़ी करमा नृत्य से पूरे पंडाल को थिरकने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद ओ.पी. जिंदल स्कूल, पतरापाली के छात्रों ने भांगड़ा नृत्य की जोशीली प्रस्तुति देकर समारोह में जोश और उल्लास का संचार किया। आदिवासी बालिका आश्रम, गोढ़ी की छात्राओं ने अपने पारंपरिक परिधान और शानदार बस्तरिया नृत्य से मंच की शोभा बढ़ाई।
इसके पश्चात सेंट टेरेसा कॉन्वेंट स्कूल के विद्यार्थियों ने संबलपुरी नृत्य से ओडिशा की संस्कृति की झलक दी। संस्कार पब्लिक स्कूल के छात्रों ने लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुति दी, जबकि तब्बू परवीन एकेडमी के कलाकारों ने कथक नृत्य की शालीनता और लयात्मकता से दर्शकों को मोहित कर दिया। वेदिक इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों ने राजस्थानी लोकनृत्य प्रस्तुत कर रंगारंग माहौल में चार चांद लगा दिए।
कार्यक्रम के दौरान रॉकस्टार विजय सिंह ने सुगम संगीत की मनमोहक प्रस्तुति देकर पूरे समारोह को सुरमयी बना दिया। उनके गीतों पर दर्शक झूम उठे और तालियों की गूंज से स्टेडियम गूंज उठा।
राज्योत्सव स्थल पर जिले के विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए आकर्षक प्रदर्शनी स्टॉलों ने भी लोगों का ध्यान खींचा। इन स्टॉलों में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं, उपलब्धियों और नवाचारों को आकर्षक और जानकारीपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया है। प्रदर्शनी 4 नवम्बर तक आम जनता के लिए खुली रहेगी।
राज्योत्सव के इस दूसरे दिन रायगढ़ की धरती पर लोकसंस्कृति, परंपरा, संगीत और नृत्य का ऐसा संगम देखने को मिला जिसने हर दर्शक के हृदय में छत्तीसगढ़ी अस्मिता और गौरव का भाव जगा दिया।




