1.08 करोड़ की ऑनलाइन ट्रेडिंग ठगी का बड़ा भंडाफोड़ ; रायगढ़ पुलिस ने श्रीनगर में दबिश देकर अंतरराज्यीय साइबर फ्रॉड गैंग के 4 सदस्य दबोचे, देशभर में 200 से अधिक ऑनलाइन ठगी की वारदातों का हुआ खुलासा…

रायगढ। यूट्यूब पर दिखने वाले लुभावने ट्रेडिंग विज्ञापन अब सिर्फ धोखा नहीं, बल्कि करोड़ों की ठगी की मशीन बन चुके हैं। रायगढ़ के उद्योगकर्मी दंपत्ति को इसी झांसे में फांसकर 1.08 करोड़ रुपये उड़ाने वाले अंतरराज्यीय साइबर फ्रॉड गिरोह का पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के नेतृत्व में रायगढ़ पुलिस ने श्रीनगर में दबिश देकर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है—जो राष्ट्रीय स्तर पर फैले इस हाई-टेक ठगी नेटवर्क के अहम सदस्य हैं।
यूट्यूब विज्ञापन के बहाने ‘ट्रेडिंग’ का झांसा, खाते से 1.08 करोड़ उड़ाए: ढिमरापुर निवासी उद्योगकर्मी दंपत्ति ने यूट्यूब पर शेयर ट्रेडिंग का विदेशी-कनेक्शन वाला विज्ञापन देखकर एक लिंक क्लिक किया। कॉलर ने खुद को “यूके इंडिया चैनल” से जुड़ा बताते हुए एक ऐप डाउनलोड कराया और “तेज़ मुनाफे” का लालच देकर निवेश शुरू करवाया।
20 मई से 30 अगस्त 2025 के बीच दंपत्ति से 1,08,44,025 रुपये अलग-अलग खातों में जमा करवाए गए।
जुलाई में जब उन्होंने एकमुश्त 32 लाख रुपये डाले, तो ऐप में उनकी राशि 42 करोड़ रुपये दिखा दी गई—बड़ी रकम दिखाकर भरोसा बनाने की क्लासिक चाल।
राशि निकासी की बात कहने पर आरोपियों ने 5 लाख रुपये “ब्रोकरेज शुल्क” मांगा, जिसे पीड़ितों ने जमा भी कर दिया। इसके बाद कॉलर और ऐप- दोनों गायब।
7 सितंबर को पीड़ित ने थाना कोतवाली रायगढ़ में अपराध 460/2025 दर्ज कराया। मामले में धारा 318(4) बीएनएस लगाया गया।
देशभर में 200 से ज्यादा शिकायतें – 10 करोड़ से अधिक का फर्जी लेनदेन : जांच में खुलासा हुआ कि गैंग ने कई राज्यों में 200 से अधिक साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया है। बैंक खातों की जांच में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का अवैध लेनदेन मिला। यह गैंग ऐप, विदेशी ट्रेडिंग चैनल और नकली कस्टमर के नाम पर सुनियोजित तरीके से पूरे देश में निवेशकों को फंसा रहा था।
श्रीनगर में ताबड़तोड़ कार्रवाई — मास्टरमाइंड समेत चार आरोपी गिरफ्त में : सीएसपी मयंक मिश्रा और साइबर सेल डीएसपी अनिल विश्वकर्मा की टीम ने तकनीकी जांच में उन मोबाइल नंबरों, बैंक खातों और डिजिटल वॉलेट्स को ट्रेस किया, जिनके जरिए रकम ट्रांसफर हुई थी। तथ्यों ने रायगढ़ पुलिस की टीम को सीधे श्रीनगर पहुंचा दिया-
गिरफ्तार आरोपी:
- यासीर शॉफी चारलू, 23 वर्ष – मुख्य आरोपी
- साकीब फारूखदार, 24 वर्ष
- मेहराजुद्दीन असाई, 57 वर्ष
- अर्शलन अफाक, 21 वर्ष — मेहराज का बेटा
32.50 लाख की रकम यासीर के खाते में पहुंचने की पुष्टि के बाद, पुलिस ने श्रीनगर पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर उसे पकड़ा। पूछताछ में उसने मेहराज असाई और उसके बेटे अर्शलन के नाम बताए। चौथे आरोपी साकीब को भी दबिश में गिरफ्तार कर लिया गया।
संगठित साइबर गिरोह सिद्ध – धाराएं बढ़ीं, मोबाइल जब्त :गैंग के संगठित स्वरूप की पुष्टि होने पर धाराएं बढ़ाई गईं—
- धारा 111, 3(5) बीएनएस
- आईटी एक्ट की धारा 66(D)
पुलिस ने ठगी में प्रयोग किए गए चार मोबाइल फोन जब्त किए हैं।
1.08 करोड़ की रिकवरी प्रक्रिया शुरू – पुलिस ने पीड़ित को आशा दी : जांच में यह स्पष्ट प्रमाण मिला कि पीड़ित द्वारा जमा की गई पूरी राशि इसी गिरोह के माध्यम से ट्रांसफर हुई थी। पुलिस ने रकम रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी है—यह साइबर अपराधों में दुर्लभ लेकिन महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
पुलिस की विशेष टीम ने दिखाया कौशल : एसपी दिव्यांग कुमार पटेल, एडिशनल एसपी आकाश मरकाम के मार्गदर्शन में कार्य करने वाली इस टीम में शामिल रहे –
- सीएसपी मयंक मिश्रा
- डीएसपी (साइबर सेल) अनिल विश्वकर्मा
- थाना प्रभारी सुखनंदन पटेल
- उप निरीक्षक ऐनु देवांगन
- निरीक्षक नासिर खान एवं विशेष टीम के सदस्य
- साइबर सेल रायगढ़ और श्रीनगर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
यह कार्रवाई अंतरराज्यीय पुलिस सहयोग का बेहतरीन उदाहरण बनी।
सबक : निवेश से पहले जांच जरूरी — लुभावने विज्ञापनों में ही सबसे बड़ा खतरा : यूट्यूब, सोशल मीडिया और फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स के जरिए निवेश का बहुत बड़ा जाल बिछ चुका है। पुलिस ने चेतावनी दी है-
“किसी भी निवेश से पहले सत्यापन करें।
डिजिटल दुनिया में सबसे बड़ा धोखा वही है जो सबसे अधिक मुनाफा दिखाता है।”




