डभरा बीएमओ रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया – एसीबी बिलासपुर की 35वीं बड़ी ट्रैप कार्रवाई से हड़कंप…

सक्ती। भ्रष्टाचार पर नकेल कसने में जुटी आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) एवं एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने आज एक और बड़ा जाल बिछाकर स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अफसर को रंगे हाथ रिश्वत लेते धर दबोचा।
मिली जानकारी के अनुसार, एसीबी इकाई बिलासपुर की टीम ने सक्ती जिले के डभरा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) डॉ. राजेंद्र कुमार पटेल को आज 17 अक्टूबर 2025 की दोपहर अपने ही कार्यालय में 15 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
रिश्वतखोरी की कहानी ऐसे हुई बेनकाब : डभरा वार्ड नंबर 12 निवासी उमेश कुमार चंद्रा, जो बीएमओ कार्यालय डभरा में बाबू के पद पर पदस्थ हैं, ने 6 अक्टूबर 2025 को एसीबी बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत के अनुसार, उमेश चंद्रा के 81,000 रुपए के यात्रा भत्ते का भुगतान पहले ही हो चुका था, लेकिन बीएमओ पटेल ने भुगतान की प्रक्रिया में 32,500 रुपए की रिश्वत की मांग की थी।
शिकायतकर्ता ने पहले ही 16,500 रुपए दे दिए थे, इसके बाद आरोपी बाकी 16,000 रुपए की और मांग कर रहा था।
शिकायत की सत्यता की जांच के बाद एसीबी टीम ने योजना बनाई, जिसमें आरोपी द्वारा 15,000 रुपए पर सौदा तय किया गया। आज जैसे ही शिकायतकर्ता ने तय रकम बीएमओ को सौंपा, टीम ने दफ्तर में दबिश देकर बीएमओ पटेल को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया।
कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया : एसीबी ने आरोपी राजेंद्र कुमार पटेल के कब्जे से 15,000 रुपए रिश्वत की राशि बरामद की है। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है।
अचानक हुई कार्रवाई से बीएमओ कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई, और स्थानीय कर्मचारियों में भय और आक्रोश का माहौल देखा गया।
भ्रष्टाचार पर एसीबी की लगातार सर्जिकल स्ट्राइक : एसीबी सूत्रों ने बताया कि भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का सिलसिला जारी रहेगा।
सिर्फ पिछले डेढ़ साल में एसीबी बिलासपुर इकाई द्वारा की गई यह 35वीं सफल ट्रैप कार्रवाई है — जो विभाग की सतत सख्ती और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है।



