
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। शहर में एक व्यापारी को फोन-पे के माध्यम से बड़ी धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा। डॉक्टर का नंबर खोजने के नाम पर एक फर्जी कॉल आया, जिसमें अपॉइंटमेंट के लिए मात्र 1 रुपए ट्रांसफर करवाए गए। इसके बाद ठगों ने मोबाइल हैक कर दोनों बैंक खातों से 1.18 लाख रुपये उड़ाए। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। जिला प्रशासन और साइबर सेल मिलकर लोगों को ऐसे साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं। सतर्क रहना आज के डिजिटल युग में आवश्यक हो गया है।

बालोद पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार बालोद के वार्ड 8 मरारपारा निवासी व्यापारी विशाल माधवानी को डॉक्टर प्रमोद गुप्ता का मोबाइल नंबर गूगल पर खोजते वक्त बड़ी ठगी झेलनी पड़ी। डॉक्टर का नंबर मिलने के बाद एक कॉल आया, जिसमें व्यक्ति ने खुद को डॉक्टर का रिसेप्शनिस्ट बताया और अपॉइंटमेंट के लिए फोन-पे पर 1 रुपए ट्रांसफर करने को कहा। फिर व्हाट्सऐप पर फ्रॉड लिंक भेजकर ऐप डाउनलोड करवाया और सारी परमिशन ऑन करवाई गई।
ठगों ने व्यापारी के मोबाइल फोन का पूरा कंट्रोल हासिल कर लिया और दोनों बैंक खातों से कुल 1,18,000 रुपए चुरा लिए। व्यापारी के इंडियन ओवरसीज बैंक के करंट अकाउंट से 90,000 और 9,000 रुपए, वहीं सेविंग अकाउंट से 19,000 रुपए निकाले गए। मामले की जानकारी मिलते ही व्यापारी ने बालोद पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
एसडीओपी देवांश सिंह राठौर ने नागरिकों को आगाह किया कि वे अनजान कॉल, मैसेज या व्हाट्सऐप लिंक पर भरोसा न करें। इस प्रकार के फ्रॉड में सिम-स्वैपिंग, फर्जी ऐप और छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन के जरिए खातों से पैसे उड़ाए जाते हैं। इसलिए बैंक डिटेल, ओटीपी या छोटे ट्रांजेक्शन से पहले सावधानी बहुत जरूरी है।
बालोद जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और साइबर सेल मिलकर सक्रियता से साइबर सुरक्षा पर जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वे लगातार लोगों को धोखाधड़ी के खतरों और बचाव के उपायों से अवगत करा रहे हैं ताकि कोई और पीड़ित न हो।
इस घटना ने सभी को सचेत किया है कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षा ही सबसे बड़ा हथियार है। आप भी अपने मोबाइल, बैंकिंग ऐप्स और निजी जानकारियों की सुरक्षा करें, किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और अपने वित्तीय व्यवहार को संभालकर रखें।




