रायगढ़

लूंगी-बनियान पहनकर पोते का जन्मदिन मनाने पहुंचे बुजुर्ग को रेस्टोरेंट से भगाया, युवाओं ने किया घेराव – माफी मांगने पर शांत हुआ मामला…

रायगढ़। शहर में मानवता और सामाजिक गरिमा को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। जूटमिल थाना क्षेत्र के छातामुड़ा रोड स्थित अमाया रेस्टोरेंट में एक बुजुर्ग व्यक्ति को केवल इसलिए अपमानित कर बाहर निकाल दिया गया, क्योंकि वे लूंगी-बनियान और गमछा पहनकर अपने पोते का जन्मदिन मनाने पहुंचे थे। यह घटना 6 नवंबर की रात की है।

टेबल बुक होने के बावजूद नहीं मिला सम्मान : बरमकेला निवासी विष्णु चरण साहू अपने परिजनों के साथ रायगढ़ आए थे। उन्होंने पहले से ही अमाया रेस्टोरेंट में अपने पोते का जन्मदिन मनाने के लिए टेबल बुक कराया था। लेकिन जब वे वहां पहुंचे, तो रेस्टोरेंट के गार्ड ने उनके पारंपरिक पहनावे को देखकर दरवाजे पर ही रोक दिया।

विष्णु साहू ने बताया कि उन्होंने गार्ड को टेबल बुकिंग की जानकारी दी, तब जाकर गार्ड ने अनिच्छा से उन्हें अंदर जाने दिया। वे अपने परिजनों के साथ बुक की गई टेबल पर बैठकर खाना ऑर्डर करने लगे, तभी रेस्टोरेंट का मैनेजर आया और अपमानजनक लहजे में कहा- “लूंगी-बनियान में यहां बैठना मना है।” इसके बाद मैनेजर ने उन्हें बेइज्जत कर रेस्टोरेंट से बाहर निकाल दिया।

स्थानीय युवाओं ने किया विरोध, रेस्टोरेंट के बाहर धरना : अपमानित होकर जब विष्णु साहू रेस्टोरेंट से बाहर निकले, तो पास के मोहल्ले के युवाओं को इसकी जानकारी मिली। थोड़ी ही देर में काफी संख्या में युवक रेस्टोरेंट के बाहर एकत्र हो गए और अमाया रेस्टोरेंट प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि रेस्टोरेंट प्रबंधन गरीब और सादे कपड़ों में आने वाले लोगों के साथ भेदभाव करता है। मामला बढ़ने पर जूटमिल पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सुजीत लहरे ने कहा, “विष्णु साहू हमारे मोहल्ले के सम्मानित बुजुर्ग हैं। उनका पहनावा पारंपरिक है और वे हमेशा लूंगी-बनियान में रहते हैं। किसी व्यक्ति की इज़्जत उसके कपड़ों से नहीं, बल्कि उसके संस्कार और व्यवहार से मापी जाती है। रेस्टोरेंट का रवैया निंदनीय है।”

युवाओं की मांग थी कि जब तक रेस्टोरेंट प्रबंधन बुजुर्ग से सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगेगा, विरोध जारी रहेगा। अंततः मैनेजर ने विष्णु साहू से माफी मांगी, जिसके बाद मामला शांत हुआ।

कपड़ों के आधार पर अपमान -समाज के लिए आईना : यह घटना न केवल एक बुजुर्ग के साथ हुए अमानवीय व्यवहार की मिसाल है, बल्कि उस मानसिकता पर भी सवाल खड़े करती है जो पहनावे को सम्मान का पैमाना मानती है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि रायगढ़ जैसे शिक्षित और सभ्य शहर में इस तरह का भेदभाव सामने आता है, तो यह गरीब, श्रमिक और ग्रामीण तबके के सम्मान के लिए गंभीर खतरा है। समाज को ऐसी मानसिकता के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

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