सोलवा गांव में सनसनी – एक महीने से लापता सुखसागर का मिला कंकाल, पेड़ पर बंधा मिला गमछा… आत्महत्या या रहस्य?

कोरबा। जिले में श्यांग थाना क्षेत्र के सोलवा गांव में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक महीने से लापता 38 वर्षीय सुखसागर चौहान का कंकाल गांव से लगे जंगल में मिला। पेड़ से बंधा गमछा और नीचे पड़ा नरकंकाल देखकर ग्रामीणों के होश उड़ गए। परिजनों ने कपड़ों के आधार पर मृतक की पहचान सुखसागर के रूप में की। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है, जबकि फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है।
जानकारी के अनुसार, सुखसागर 18 सितंबर से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता था। उसके भाई लक्ष्मी नारायण चौहान ने बताया कि 15 सितंबर को सुखसागर के बेटे का बाइक एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें दोनों पैर टूट गए थे। बेटे का इलाज जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा था। इसी दौरान 18 सितंबर को सुखसागर भी अस्पताल पहुंचा था और बेटे को देखने के बाद घर लौटने की बात कहकर निकला, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा।
कई दिनों तक परिजन, रिश्तेदार और ग्रामीण उसकी खोजबीन करते रहे, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार लगभग एक महीने बाद जंगल में पेड़ के नीचे नरकंकाल मिलने की सूचना ने पूरे इलाके को दहला दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो पेड़ पर गमछा बंधा मिला और नीचे कंकाल पड़ा था।
श्यांग थाना प्रभारी विनोद सिंह ने बताया कि, “मौके से मिले सबूतों के आधार पर प्रथम दृष्टया आत्महत्या की आशंका है, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।”
परिजनों ने बताया कि सुखसागर खेती-किसानी करता था। हाल के दिनों में वह मानसिक रूप से परेशान था, पर अपने मन की बात किसी से साझा नहीं करता था। परिवार में पत्नी और चार बच्चे हैं, जिनमें से बड़े बेटे का इलाज अब भी जारी है।
ग्रामीणों के बीच यह सवाल गूंज रहा है कि क्या सुखसागर ने बेटे के हादसे से टूटकर आत्महत्या कर ली, या उसके साथ कोई अनहोनी हुई? पुलिस ने शव (कंकाल) को बरामद कर पंचनामा तैयार किया है और डीएनए जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
एक महीने की गुमशुदगी अब मौत के रहस्य में बदल गई है — सोलवा गांव अब जवाब चाहता है कि सुखसागर की मौत आखिर कैसे हुई?




