बालोद

बालोद पुलिस की सतर्कता : 3 करोड़ की नकदी लदे वाहन से सनसनीखेज खुलासा

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में पुलिस की त्वरित और साहसिक कार्यवाही ने एक बड़े अवैध धन परिवहन के षड्यंत्र को ध्वस्त कर दिया। विश्वसनीय मुखबिर की सूचना पर अमल करते हुए, स्थानीय पुलिस ने रायपुर से बालोद होते हुए नागपुर मार्ग पर सफेद क्रेटा कार को ग्राम पड़कीभाठ के निकट रोककर चेक किया, जहां कार के गुप्त कक्ष से करीब 3 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई। इस अभियान में एसडीओपी देवांश सिंह राठौर और थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा की नेतृत्व क्षमता और टीमवर्क ने सराहनीय प्रदर्शन किया, जो अवैध धन के प्रवाह को रोकने में मील का पत्थर साबित हुआ।

दिनांक 12 नवंबर 2025 की सुबह करीब 8 बजे, पुलिस को एक गोपनीय टिप मिली कि वाहन नंबर एमएच 04 एमए 8035 वाली सफेद क्रेटा कार में भारी मात्रा में नकली या संदिग्ध नकदी रकम लादकर रायपुर से नागपुर की दिशा में जा रही है। इस सूचना ने पूरे जिले की पुलिस व्यवस्था को हाई अलर्ट पर ला दिया। पुलिस अधीक्षक योगेश कुमार पटेल के सख्त निर्देशों के तहत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मोनिका ठाकुर के कुशल मार्गदर्शन में एसडीओपी देवांश सिंह राठौर ने तुरंत एक विशेष टीम गठित की। राठौर ने अपनी सतर्क नजरों और रणनीतिक सोच से वाहन का पीछा शुरू कराया, जिसे थाना बालोद के अंतर्गत पड़कीभाठ गांव के पास सफलतापूर्वक रोका गया।

वाहन की तलाशी लेने पर चालक सीट के नीचे एक छिपा हुआ कम्पार्टमेंट मिला, जो ताला लगा होने के कारण संदेहास्पद लगा। बिना वक्त गंवाए, टीम ने वाहन को थाना परिसर में लाकर तहसीलदार और गवाहों की मौजूदगी में ताला तोड़ा गया। वाहन के अंदर से निकली नकदी का ढेर देखकर सभी दंग रह गए। प्रारंभिक पूछताछ में चालक और सहयात्री ने इसे लगभग 3 करोड़ रुपये होना बताया। नकदी की वैधता जांचने के लिए भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों और नोट काउंटिंग मशीन को बुलाया गया। बैंक टीम की निगरानी में गिनती पूरी हुई, जिसकी पूरी प्रक्रिया वीडियो और फोटो रिकॉर्डिंग से सुरक्षित रखी गई, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

इस संवेदनशील मामले में एसडीओपी देवांश सिंह राठौर तथा थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा की भूमिका अहम रही। इन्होंने अपनी अनुभवी टीम के साथ मिलकर पूछताछ को तेजी से आगे बढ़ाया, जिससे नकदी के स्रोत और मकसद पर पर्दा उठाने की दिशा में महत्वपूर्ण सुराग मिले। इनकी कुशलता ने न केवल अभियान को सुचारू रखा, बल्कि आरोपी पक्ष को किसी भी तरह के बहाने बनाने का मौका नहीं दिया। “एसडीओपी देवांश सिंह राठौर और थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा की तत्परता ने साबित किया कि स्थानीय स्तर पर भी पुलिस कितनी सजग और प्रभावी हो सकती है। एसडीओपी राठौर की रणनीतिक योजना और सिन्हा की फील्ड कार्यान्वयन ने मिलकर इस सफलता का आधार तैयार किया, जो अन्य जिलों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।”

कानूनी कार्यवाही के तहत, कोतवाली थाना बालोद में धारा 106 बीएनएसएस, 182 क (4) एमवी एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। नकदी के स्रोत की पड़ताल के लिए आयकर विभाग को तुरंत सूचित कर दिया गया और उनके अधिकारी जांच में शामिल हो चुके हैं। आरोपी अलपेश कुमार पटेल (49 वर्ष, निवासी पटेलवास, सुंडिया, थाना भटनागर, मेहसाणा, गुजरात) और अशोक गाड़गे (42 वर्ष, निवासी न्यू श्रीनाथ कॉम्प्लेक्स, सी-203, मीरा भयंदर रोड, ठाणे, महाराष्ट्र; वर्तमान पता पनवल, करंजड़े, नवी मुंबई) से गहन पूछताछ जारी है। दोनों ने नकदी के बारे में अस्पष्ट जवाब दिए हैं, जो जांच एजेंसियों के संदेह को और गहरा रहा है।

जप्ती में 3 करोड़ रुपये की नकदी के अलावा 12 लाख रुपये कीमत की क्रेटा कार भी जब्त की गई। यह कार्रवाई न केवल अवैध धन के परिवहन को झटका देगी, बल्कि आर्थिक अपराधों के खिलाफ पुलिस की दृढ़ता को रेखांकित करती है।

एसडीओपी देवांश सिंह राठौर की दूरदर्शिता और थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा की मेहनत ने इस ऑपरेशन को ऐतिहासिक बना दिया। स्थानीय निवासियों ने भी इस सफलता पर पुलिस टीम को बधाई दी और उम्मीद जताई कि ऐसी कार्यवाही राज्य में अपराध दर को कम करेंगी। जांच आगे बढ़ रही है और जल्द ही नकदी के असली मालिकों का पता लग सकता है।

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग

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