रामभाठा में सरकारी ज़मीन और नाले पर बिल्डरों का कब्ज़ा!… पार्षद प्रदीप विजय चंद्र टोप्पो का प्रशासन को दो पत्र… जाने पूरा मामला…

रायगढ़। नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 03, रामभाठा में सरकारी भूमि और नाले पर अवैध कब्ज़े का मामला अब खुलकर सामने आ गया है। पार्षद प्रदीप विजय चंद्र टोप्पो ने इस पूरे प्रकरण पर कड़ा रुख अपनाते हुए नगर निगम आयुक्त और अनुविभागीय दंडाधिकारी (SDM) दोनों को अलग-अलग पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
पार्षद का आरोप है कि “संजय मैदान के पीछे और पॉवर हाउस क्षेत्र के पास की शासकीय भूमि पर कुछ बिल्डर – बंसल, सिंगल और अन्य – बाउंड्रीवाल खड़ी कर अवैध प्लॉटिंग कर रहे हैं, और भूमि बेचने की तैयारी में हैं।”

पहला पत्र: नगर निगम आयुक्त को “नाला और सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाइए” – पार्षद टोप्पो ने अपने पहले पत्र में नगर निगम आयुक्त को लिखा कि “मेरे वार्ड में संजय मैदान के पीछे नाले और शासकीय भूमि पर लगातार अवैध कब्ज़ा हो रहा है। अवैध बाउंड्रीवाल बनाकर प्लॉटिंग की जा रही है, जिससे आने वाले बरसात के दिनों में पूरे मोहल्ले में जलभराव की स्थिति निर्मित होगी और सफाई व्यवस्था ठप पड़ जाएगी।”
उन्होंने निगम से तत्काल अतिक्रमण हटाने और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि “यदि अभी रोक नहीं लगाई गई, तो नागरिकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ेगी।”
दूसरा पत्र: SDM रायगढ़ से सीमांकन और कार्रवाई की मांग : अपने दूसरे पत्र में पार्षद टोप्पो ने अनुविभागीय दंडाधिकारी रायगढ़ से कहा है कि “शासकीय भूमि और नाले पर बंसल, सिंगल व अन्य बिल्डरों द्वारा अवैध प्लॉटिंग की जा रही है। कृपया तत्काल सीमांकन कराया जाए, ताकि शासकीय भूमि की वास्तविक सीमा स्पष्ट हो सके।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यह भूमि आंगनबाड़ी भवन या सामुदायिक केंद्र जैसे जनहित के कार्यों के लिए आरक्षित की जाए।
टोप्पो ने प्रशासन से मांग की –
“अतिक्रमण पर तुरंत रोक लगाई जाए और दोषी बिल्डरों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। यह भूमि जनता की है, कुछ लोगों की निजी संपत्ति नहीं।”
‘नाला पाटो, ज़मीन बेचो’ – सुनियोजित कब्ज़े का खेल : स्थानीय नागरिकों ने खुलासा किया है कि रात के अंधेरे में ट्रैक्टर और जेसीबी के ज़रिए नाले को मलबे से भरा जा रहा है। बाउंड्रीवाल खड़ी कर ज़मीन समतल की जा रही है, और कुछ लोगों द्वारा प्लॉटिंग के नक्शे तक तैयार कर लिए गए हैं।
एक निवासी ने कहा, “जहाँ पहले बरसाती पानी बहता था, वहाँ अब सीमेंट की दीवारें खड़ी हो गई हैं। यह सब कुछ प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नहीं।”
मीडिया में उजागर, प्रशासन फिर भी मौन : इस पूरे प्रकरण की खबरें स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुकी हैं, मगर अब तक न निगम ने कार्रवाई की, न राजस्व विभाग ने सीमांकन कराया। प्रशासन की यह चुप्पी अब लोगों को संदेहास्पद लगने लगी है।
पार्षद टोप्पो ने साफ कहा है –
“यह मामला सिर्फ अतिक्रमण का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की सड़ांध का है। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो मैं जनता के साथ सड़क पर उतरूंगा।”
जनता में बढ़ता आक्रोश – “क्या सरकारी ज़मीनें बिकने लगी हैं?” : रामभाठा, संजय मैदान और पॉवर हाउस क्षेत्र के नागरिकों में भारी नाराज़गी है। लोगों का कहना है कि “कई बार शिकायत करने के बावजूद निगम के अधिकारी मौके पर नहीं आते। लगता है सबकुछ मिलजुलकर चल रहा है।”
निवासियों ने चेताया –
“बरसात में यह पूरा इलाका डूब जाएगा। यह सिर्फ ज़मीन का नहीं, हमारी ज़िंदगी का सवाल है।”
पार्षद की प्रमुख माँगें :
- अवैध बाउंड्रीवाल और प्लॉटिंग पर तत्काल रोक लगाई जाए।
- पूरा क्षेत्र सीमांकित कर शासकीय भूमि की वास्तविक सीमा तय की जाए।
- दोषी बिल्डरों और संबंधित अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
- भूमि को सामुदायिक भवन और आंगनबाड़ी निर्माण हेतु आरक्षित किया जाए।
प्रशासनिक मिलीभगत पर उठे सवाल : जब खुलेआम निर्माण हो रहा है, जेसीबी चल रही है, और मलबा भरा जा रहा है – तब निगरानी अमला कहाँ है? क्या निगम के अधिकारी वास्तव में क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे हैं या सबकुछ देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं? लोगों का कहना है कि यह “मौन सहमति से चल रहा कब्ज़ा अभियान” है।
पार्षद टोप्पो ने स्पष्ट कहा है –
“मैं अपने वार्ड की जनता के हक़ की लड़ाई लड़ रहा हूँ। अगर प्रशासन अब भी चुप रहा, तो मैं जनता के साथ आंदोलन करूंगा। सरकारी भूमि पर कब्ज़ा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
रामभाठा का यह मामला सिर्फ एक वार्ड का नहीं, बल्कि पूरे रायगढ़ शहर की प्रशासनिक सच्चाई का आईना है। जहाँ सरकारी ज़मीन पर खुलेआम प्लॉटिंग हो रही है, वहाँ सवाल सिर्फ अतिक्रमण का नहीं – ईमानदारी और जवाबदेही का है।
अब शहर की जनता पूछ रही है –
“क्या रायगढ़ की ज़मीनें अब बिल्डरों की बोली में बिकेंगी, और प्रशासन मूकदर्शक बना रहेगा?”




