रायगढ़

शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और कौशल विकास को मिली शीर्ष प्राथमिकता – जिला खनिज संस्थान न्यास की शासी परिषद की बैठक में 150 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को मंजूरी…

रायगढ़, 30 अक्टूबर 2025। खनन प्रभावित इलाकों के सर्वांगीण विकास और जनकल्याण की दिशा में बड़ा फैसला लेते हुए जिला खनिज संस्थान न्यास (DMF) की शासी परिषद ने आज 150 करोड़ रुपये की नई कार्ययोजना को मंजूरी दी। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन, तथा कौशल विकास को उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में चयनित किया गया।

बैठक में लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, खरसिया विधायक उमेश पटेल, धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया, लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार, जिला पंचायत अध्यक्ष शिखा रविंद्र गबेल सहित शासी परिषद के सदस्यगण मौजूद रहे।

बैठक में पूर्व स्वीकृत कार्यों का कार्योत्तर अनुमोदन, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभावित ग्रामों की सूची का अनुमोदन, दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवा वृद्धि और 150 करोड़ की नई कार्ययोजना को सर्वसम्मति से स्वीकृति दी गई।

कलेक्टर श्री चतुर्वेदी ने बताया कि छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 के तहत जिले में खनन पट्टाधारी क्षेत्रों से 15 किलोमीटर के दायरे में 544 ग्राम प्रत्यक्ष प्रभावित और 15 से 25 किलोमीटर की परिधि में 191 ग्राम अप्रत्यक्ष प्रभावित घोषित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि डीएमएफ निधि की 70 प्रतिशत राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, पर्यावरण संरक्षण, महिला एवं बाल विकास, दिव्यांगजन कल्याण, कौशल विकास, स्वच्छता, आवास, कृषि और पशुपालन जैसे उच्च प्राथमिकता वाले कार्यों पर खर्च होगी। वहीं शेष 30 प्रतिशत राशि भौतिक अधोसंरचना, सिंचाई, ऊर्जा, वाटरशेड विकास और खनन प्रभावित क्षेत्रों में पर्यावरणीय गुणवत्ता सुधार हेतु प्रयुक्त होगी।

कलेक्टर ने कहा कि डीएमएफ की क्षमता वृद्धि और पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए एक परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU) स्थापित की जाएगी, जो तकनीकी, लेखा और निगरानी सहयोग प्रदान करेगी। साथ ही, डीएमएफ की वार्षिक आय का 10 प्रतिशत भाग अक्षय निधि के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि भविष्य में भी विकास कार्य सतत् जारी रह सकें।

बैठक में सदस्यों ने सुझाव दिया कि पेयजल, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और कौशल विकास से जुड़े कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। कलेक्टर श्री चतुर्वेदी ने इन सभी सुझावों को सकारात्मक बताते हुए विभागीय अधिकारियों को त्वरित कार्ययोजना बनाकर अमल में लाने के निर्देश दिए।

बैठक में डीएफओ अरविंद पी.एम., जिला पंचायत सीईओ अभिजीत बबन पठारे, नगर निगम आयुक्त बृजेश सिंह क्षत्रिय, अपर कलेक्टर डॉ. प्रियंका वर्मा सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

Ambika Sao

सह-संपादक

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