बालोद में दर्दनाक वारदात : मां ने पहले 10 साल की बेटी की गला घोंटकर हत्या की, फिर साड़ी से फांसी लगाकर दी जान – बेटे ने भागकर बचाई अपनी जिंदगी…

बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक मां ने मानसिक अवसाद के दौर में पहले अपनी 10 साल की बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी, फिर उसी साड़ी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दौरान कमरे में मौजूद उसका 13 वर्षीय बेटा किसी तरह बच निकला। मामला बालोद शहर थाना क्षेत्र के शिकारीपारा वार्ड का है।
मृत महिला का नाम निकिता पटौदी (37) और उसकी बेटी का नाम वैभवी (10) बताया जा रहा है। निकिता के पति रविशंकर पटौदी, जो दल्लीराजहरा थाने में आरक्षक थे, की तीन साल पहले सड़क हादसे में मौत हो चुकी थी। पति की मौत के बाद से ही निकिता गहरे मानसिक अवसाद में थी।
रात एक बजे घटी भयावह वारदात : शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात करीब 1 बजे निकिता ने पहले अपने बेटे रेवेंद्र (13) का गला दबाने की कोशिश की। रेवेंद्र किसी तरह खुद को छुड़ाकर पास में ही मौसी के कमरे में भाग गया और बिना कुछ बताए सो गया। उसी वक्त निकिता की बेटी वैभवी कमरे में सो रही थी। बेटे के भाग जाने के बाद निकिता ने साड़ी से वैभवी का गला घोंट दिया, और फिर उसी साड़ी के आधे हिस्से को पंखे में बांधकर फांसी लगा ली।
सुबह वेंटिलेशन से दिखा भयावह दृश्य : सुबह जब एक पड़ोसी घर के पीछे की ओर दीवार की पुताई कर रहा था, तो उसने वेंटिलेशन से अंदर झांका – भीतर का नज़ारा देख वह सन्न रह गया। कमरे में बेटी का शव बिस्तर पर पड़ा था और निकिता साड़ी के फंदे से झूल रही थी। तुरंत परिजनों और पुलिस को सूचना दी गई।
पति की मौत के बाद बिगड़ गई थी मानसिक स्थिति : मृतिका के पिता पंवर सिंह सोरी ने बताया कि निकिता की शादी सांकरी गांव में हुई थी। पति की मौत के बाद से वह अक्सर अजीब हरकतें करने लगी थी। परिवार को अंदेशा था कि वह अवसाद में है, लेकिन कभी कल्पना नहीं की थी कि वह अपनी ही बेटी को मार डालेगी। निकिता कुछ महीनों से अपने मायके शिकारीपारा में रह रही थी।
वैभवी कर रही थी दीवाली की तैयारी – अब घर में मातम : परिजनों ने बताया कि वैभवी पांचवीं कक्षा में पढ़ती थी और दीवाली को लेकर बेहद उत्साहित थी। घर सजाने की बातें कर रही थी। लेकिन वही घर अब मातम में डूब गया है। मां-बेटी दोनों का अंतिम संस्कार उनके गृहग्राम सांकरी (लाटाबोड़) में किया गया।
एसडीओपी बोले – मानसिक असंतुलन की आशंका, कई एंगल से जांच जारी : एसडीओपी देवांश सिंह राठौर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला हत्या के बाद आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है।
उन्होंने कहा, “परिजनों के मुताबिक निकिता मानसिक रूप से अस्वस्थ थी। घटना संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। मर्ग कायम कर शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया है, और मामले की जांच के सभी संभावित पहलुओं से की जा रही है।”
समाज के लिए गहरी चेतावनी – मानसिक स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ न करें : यह घटना सिर्फ एक पारिवारिक त्रासदी नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी से उपजे भयावह परिणाम की दर्दनाक मिसाल है। पति की मौत के बाद लगातार अवसाद में रह रही निकिता अगर समय रहते मनोचिकित्सक या पारिवारिक सहारा पाती, तो शायद यह मां-बेटी आज ज़िंदा होतीं।




