कोरबा में महिला बाउंसरों की गुंडागर्दी: प्रमोशन मांगने गया कर्मचारी बना पिटाई का शिकार, आर्मी टी-शर्ट में बाउंसरों ने फाड़े कपड़े…

कोरबा। जिले के कुसमुंडा क्षेत्र स्थित आउटसोर्सिंग कंपनी नीलकंठ एक बार फिर विवादों में है। कंपनी परिसर में महिला बाउंसरों द्वारा एक युवक की बेरहमी से पिटाई का वीडियो सामने आया है। वीडियो में तीन से चार महिला बाउंसरें “Indian Army Commando” लिखी टी-शर्ट पहनकर युवक को घसीटते और पीटते नजर आ रही हैं। आखिर में वे युवक की शर्ट पकड़कर फाड़ देती हैं।
पीड़ित युवक समीर पटेल, निवासी जटराज, ने बताया कि वह बीते तीन वर्षों से नीलकंठ कंपनी में पीसी मशीन हेल्पर के पद पर कार्यरत है। कंपनी ने उसे प्रमोशन देने का वादा किया था, लेकिन महीनों से टालमटोल किया जा रहा था। इसी बात को लेकर वह शनिवार (11 अक्टूबर) को कंपनी के दफ्तर पहुंचा था, जहां महिला बाउंसरों ने उस पर हमला कर दिया और मारपीट शुरू कर दी।

कंपनी का पलटवार – कहा, युवक नशे में था : नीलकंठ कंपनी प्रबंधन ने अपने बचाव में दावा किया है कि समीर पटेल नशे की हालत में ऑफिस पहुंचा था और उसने कर्मचारियों से गाली-गलौज की तथा हाथापाई की। कंपनी की शिकायत पर कुसमुंडा थाना पुलिस ने समीर पटेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
एक महीने में दूसरी घटना, फिर नीलकंठ पर सवाल : यह पहला मौका नहीं है जब नीलकंठ कंपनी की महिला बाउंसरें विवादों में आई हों। महज 25 दिन पहले भी इसी कंपनी की महिला बाउंसरों द्वारा भू-विस्थापितों से अभद्रता का मामला सामने आया था। उस समय भी वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें महिला बाउंसरें किसानों और स्थानीय महिलाओं को धक्का-मुक्की कर हटाने की कोशिश करती दिखी थीं।
उस घटना के बाद कुसमुंडा महतारी अंगना में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें स्थानीय लोगों ने कंपनी की नीतियों का विरोध किया था। आरोप लगाया गया था कि कंपनी स्थानीय युवाओं की अनदेखी कर बाहरी लोगों को नौकरी दे रही है।
स्थानीय संगठनों का विरोध – “लेडी बाउंसर आर्मी” पर गंभीर आरोप : नवीन वीडियो वायरल होते ही छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और अन्य संगठनों ने नीलकंठ कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन का आरोप है कि महिला बाउंसरों को स्थानीय नागरिकों को डराने और दबाने के लिए नियुक्त किया गया है।
क्रांति सेना ने जिला प्रशासन से महिला बाउंसरों की भर्ती पर रोक लगाने और घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। संगठन ने कंपनी को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर उबाल – सेना के नाम पर ‘दादागिरी’ : सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है। कई यूजर्स ने सवाल उठाया है कि महिला बाउंसरों ने “Indian Army” लिखी टी-शर्ट क्यों पहनी, जिसमें तिरंगा भी अंकित है।
लोगों का कहना है कि यह न केवल भारतीय सेना का अपमान है, बल्कि राष्ट्रीय प्रतीकों का भी दुरुपयोग है।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल : एक महीने में दो बार महिला बाउंसरों की हिंसक हरकतों के बावजूद अब तक किसी ठोस कार्रवाई का अभाव लोगों के गुस्से को और भड़का रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए, तो कंपनी मजदूरों और विस्थापितों पर अपनी मनमानी जारी रखेगी।
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने स्पष्ट चेतावनी दी है –
“जो महिलाएं सुरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी कर रही हैं, उन्हें सुरक्षा कर्मी नहीं कहा जा सकता। ऐसे तत्वों को तुरंत हटाया जाए, वरना जनता सड़क पर उतरकर जवाब देगी।”
अब सवाल ये हैं :
- जब प्रमोशन मांगना अपराध नहीं, तो नीलकंठ कंपनी ने अपने ही कर्मचारी पर महिला बाउंसरों से हमला क्यों करवाया?
- क्या ‘आउटसोर्सिंग’ का अर्थ अब स्थानीय कर्मचारियों की आवाज दबाना हो गया है?
- प्रशासन कब जागेगा – जब अगला वीडियो फिर किसी की जान पर बन आएगा?




