रॉन्ग साइड से आ रहे ट्रक ने ली 5 जिंदगियां: तीन महिला शिक्षिकाएं, एक नाबालिग बच्ची और ड्राइवर की मौके पर मौत, बोलेरो चकनाचूर – बिलासपुर लौट रहे थे सभी कोलकाता निवासी

कवर्धा, 5 अक्टूबर। जिले में आज एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पांच परिवारों को हमेशा के लिए उजाड़ दिया। नेशनल हाईवे 30 पर चिल्फी थाना क्षेत्र के अकालघरिया मोड़ में रॉन्ग साइड से आ रहे एक ट्रक ने बोलेरो को इतनी भीषण टक्कर मारी कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। हादसे में तीन महिला टीचर, एक नाबालिग लड़की और बोलेरो ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इनमें तीन की हालत नाजुक बताई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, बोलेरो में सवार सभी लोग (ड्राइवर को छोड़कर) कोलकाता के रहने वाले थे। वे मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले स्थित कान्हा नेशनल पार्क घूमने के बाद बिलासपुर लौट रहे थे, जहां से उन्हें आज रात ट्रेन पकड़नी थी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था – बिलासपुर पहुंचने से पहले ही अकालघरिया मोड़ पर ट्रक की रॉन्ग साइड से हुई टक्कर ने उनकी जिंदगी छीन ली।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि बोलेरो कबाड़ के ढेर में तब्दील हो गई। हादसे के बाद राहगीरों ने किसी तरह घायलों को गाड़ी से बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची चिल्फी थाना पुलिस ने सभी को तत्काल बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद पांच गंभीर घायलों को कवर्धा जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे का कारण ट्रक चालक की लापरवाही और रॉन्ग साइड ड्राइविंग है। टक्कर इतनी भयानक थी कि बोलेरो के आगे का हिस्सा पूरी तरह कुचल गया और शवों को निकालने में पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि चिल्फी घाटी का यह मोड़ बेहद खतरनाक है और यहां पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। बावजूद इसके, सड़क सुरक्षा उपायों की भारी कमी अब भी बनी हुई है।
हादसे के बाद से इलाके में मातम पसरा हुआ है। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है और आरोपी चालक की तलाश जारी है।
एक नजर में हादसा:
• स्थान: अकालघरिया मोड़, चिल्फी थाना क्षेत्र, जिला कवर्धा
• मृतक: 3 महिला शिक्षिकाएं, 1 नाबालिग बच्ची, बोलेरो ड्राइवर
• घायल: 5, जिनमें 3 की हालत गंभीर
• कारण: ट्रक की रॉन्ग साइड से टक्कर
• गंतव्य: कान्हा नेशनल पार्क से लौटते वक्त बिलासपुर जा रहे थे
• सड़क सुरक्षा सवालों के घेरे में – प्रशासन और परिवहन विभाग की लापरवाही उजागर



