बिलासपुर का ‘सुस्त’ सिस्टम : लाखों के नए शेड वीरान, सड़क पर शराबियों का ‘ओपन बार’; जनता खौफ में, निगम शुभ मुहूर्त का कर रहा इंतजार…

बिलासपुर | रपटा पुल से चिंगराजपारा और अपोलो अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण रास्तों को जोड़ने वाली सड़क आज विकास का नहीं, बल्कि ‘अव्यवस्था और अराजकता’ का नमूना बन गई है। नगर निगम ने वाहवाही लूटने के लिए 6×6 फीट के 120 चकाचक सब्जी शेड तो खड़े कर दिए, लेकिन सिस्टम की सुस्ती देखिए – शेड तैयार हैं, मगर उनमें सब्जी वाले नहीं, बल्कि नशेड़ी और अपराधी पल रहे हैं।
सब्जी मंडी या नशे का अड्डा? – जिस जगह को व्यवस्थित सब्जी बाजार बनना था, वह आज अपराधियों का सेफ जोन बन गया है। शिफ्टिंग में हो रही देरी ने इस पूरे इलाके को नशाखोरी के गर्त में धकेल दिया है। मेन रोड के पास स्थित शराब दुकानों की मेहरबानी से यह पूरा क्षेत्र शाम होते ही ‘ओपन बार’ में तब्दील हो जाता है।
- नतीजा? यहाँ से गुजरने वाली आम जनता और मरीज (अपोलो जाने वाले) दहशत में हैं।
- सड़क पर खुलेआम जाम छलक रहे हैं और आए दिन मारपीट की घटनाएं आम हो चुकी हैं। खून-खराबा और गाली-गलौज यहाँ की ‘नॉर्मल’ दिनचर्या बन गई है?…
शेड तैयार, फिर किसका है इंतजार? – लाखों रुपये फूंकने के बाद भी दुकानदार पुराने ढर्रे पर सड़क किनारे बैठने को मजबूर हैं और नए शेड धूल फांक रहे हैं। सवाल यह है कि जब निर्माण पूरा हो चुका है, तो शिफ्टिंग के लिए ‘शुभ मुहूर्त’ क्यों नहीं निकल रहा?…
कमिश्नर का दावा : ‘जनवरी तक सब ठीक कर देंगे’ – तमाम फजीहत के बाद अब निगम कमिश्नर अमित कुमार का बयान सामने आया है। उनका दावा है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह तक शिफ्टिंग पूरी कर दी जाएगी। उन्होंने पार्किंग, चकाचक स्ट्रीट लाइट, पानी और सफाई के बड़े-बड़े वादे भी किए हैं।
लेकिन बड़ा सवाल यह है- जनवरी तक जो अराजकता और अपराध इस सड़क पर पनप रहा है, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या प्रशासन तब जागेगा जब कोई बड़ी अनहोनी हो जाएगी?…




