दुर्ग में दरिंदगी की इंतहा: गैस कटर से दरवाजा काटकर निकाला, नंगा घुमाया – ब्याजखोर संतोष आचार्य की बेरहमी से हत्या…पत्नी बोली – “मैंने पहले ही कहा था, मेरे पति को मार देंगे… पर पुलिस ने नहीं सुनी।”…

दुर्ग। शहर में शुक्रवार की रात खौफनाक खूनी वारदात ने पूरे शहर को दहला दिया। शीतला नगर निवासी संतोष आचार्य (47) की 8 से ज्यादा लोगों ने धारदार हथियारों और पत्थरों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। दरिंदों ने पहले गैस कटर से लोहे का दरवाजा काटकर उसे घर से बाहर निकाला, फिर कपड़े उतारकर नंगा किया और सड़कों पर घुमाते हुए बाजार चौक में बेरहमी से मार डाला।
रात करीब 3 बजे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान संतोष ने दम तोड़ दिया।
गैस कटर से काटा गया दरवाजा, भीड़ ने बीच सड़क दी मौत : कोतवाली थाना क्षेत्र की इस वारदात को देखकर इलाके में दहशत फैल गई। रात करीब 11 बजे 15 से 20 हथियारबंद लोग संतोष के घर पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद था, तो गैस कटर से काटा गया। संतोष को जबरन घसीटकर बाहर लाया गया। कपड़े उतारकर नंगा किया गया, और गली-गली घुमाया गया। बाजार चौक में पत्थरों और धारदार हथियार से मार-मारकर अधमरा किया गया, फिर वहीं छोड़ दिया गया।
पत्नी का दर्द – “पुलिस को पहले ही कहा था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया”
मृतक की पत्नी रानी सोनी ने कहा –
“चार महीने पहले मैं अपनी तीन बेटियों को लेकर मायके चली गई थी। संतोष रोज शराब पीने लगे थे और बाहरवालों से झगड़ा करते थे।मैंने पुलिस को कई बार कहा था कि एक दिन विवाद बढ़ेगा और लोग उन्हें मार डालेंगे। पर किसी ने नहीं सुना। आज मेरा सुहाग उजड़ गया, मुझे न्याय चाहिए।”
रानी ने बताया कि हत्या की रात पति ने कॉल कर कहा था –
“कुछ लोग चाकू लेकर मुझे मारने दौड़ रहे हैं।” उन्होंने संतोष को घर में रहने को कहा, लेकिन दरिंदे गैस कटर लेकर पहुंचे और उसे बाहर निकाल लिया।
हत्या से एक दिन पहले दर्ज हुई थी FIR : 7 नवम्बर को प्रथम सोनी नाम के युवक ने संतोष के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
प्रथम के अनुसार,
“राम मंदिर चौक पर संतोष ने बिना वजह गालियां दीं, थप्पड़ मारा और कहा – आज तुझे जान से खत्म कर दूंगा।” शाम होते-होते दोनों में फिर विवाद हुआ, और अगले दिन रात में यह खौफनाक हत्या हुई।
ASP सुखनंदन राठौर ने बताया –
“यह आपसी रंजिश और पैसों के लेनदेन से जुड़ा मामला है। 8 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ जारी है। CCTV फुटेज और सबूतों की जांच हो रही है।”
थाना प्रभारी तापेश्वर नेताम ने कहा –
“संतोष ब्याज पर पैसा देता था। कई लोगों से विवाद चल रहा था। शुरुआती जांच में पैसे के लेनदेन की बात सामने आई है।”
पैसों और शराब से जुड़ी थी रंजिश की जड़ : पुलिस सूत्रों के मुताबिक, संतोष आचार्य जमीन की खरीद-बिक्री और ब्याज पर कर्ज देने का काम करता था। वह हाल के दिनों में अत्यधिक शराब पीने लगा था, जिससे मोहल्ले में झगड़े बढ़ने लगे थे। पत्नी ने कुछ दिन पहले पुलिस से शिकायत की थी कि –
“मेरे पति को हिरासत में ले लीजिए, वह लोगों से झगड़ा करने लगे हैं।” पर किसी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
संतोष के पिता वेंकट आचार्य ने बताया –
“संतोष ने 25 साल पहले लव मैरिज की थी और उसी वक्त परिवार से अलग हो गया था। वह सबसे बड़ा बेटा था। कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन उसकी आदतें नहीं बदलीं।”
हत्या ने खड़ा किया बड़ा सवाल : शहर के बीचोंबीच इस निर्मम और सार्वजनिक हत्या ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।पत्नी ने पुलिस को कई बार चेताया, पर कार्रवाई नहीं हुई – और आखिरकार वही हुआ, जिसकी आशंका जताई गई थी।
यह सिर्फ एक हत्या नहीं – सिस्टम की नाकामी की निर्मम गवाही है।
सवाल वही है – जब एक पत्नी ने चार महीने पहले ही “हत्या की आशंका” जताई थी, तो क्या संतोष की मौत टाली नहीं जा सकती थी?



