रायगढ़ से जिला बदर होगा बाबा गुरु घासीदास पर अभद्र टिप्पणी करने वाला विजय राजपूत, पुलिस ने की सख्त अनुशंसा…

रायगढ़। समाज में वैमनस्य फैलाने और आस्था का अपमान करने वाले विजय राजपूत पर अब पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। बाबा गुरु घासीदास जी के प्रति अभद्र टिप्पणी करने वाले आरोपी विजय राजपूत के खिलाफ पुलिस विभाग ने जिलाबदर की सिफारिश की है। जल्द ही इस अनुशंसा पर कलेक्टर की मुहर लगने की संभावना है, जिसके बाद विजय राजपूत को रायगढ़ जिले से बाहर कर दिया जाएगा।
यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है। आरोपी विजय राजपूत ने सोशल मीडिया के माध्यम से बाबा गुरु घासीदास जी के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस कृत्य से सतनामी समाज में भारी आक्रोश फैल गया। समाज के लोगों ने थाना पहुंचकर विरोध जताया और आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल FIR दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया। जब पुलिस ने उसके पुराने रिकॉर्ड खंगाले, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। आरोपी पर पहले भी आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं – जिनमें जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त, धोखाधड़ी और मारपीट जैसे मामले शामिल हैं।
इन सब तथ्यों को देखते हुए पुलिस विभाग ने आरोपी को जिलाबदर करने के लिए विस्तृत अनुशंसा रिपोर्ट तैयार की है।
एएसपी आकाश मरकाम ने बताया,
“विजय राजपूत के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की समीक्षा की गई है। उसके खिलाफ पूर्व में कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। इन आधारों पर जिला बदर की कार्रवाई हेतु अनुशंसा की गई है।”
समाज में गुस्से की लहर, सिंधी समाज ने भी किया किनारा : केवल सतनामी समाज ही नहीं, बल्कि सिंधी समाज ने भी विजय राजपूत के आचरण पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। समाज के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि विजय राजपूत का सिंधी समाज से कोई संबंध नहीं है। समाज की पंचायत में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि वह किसी भी रूप में समाज का प्रतिनिधि नहीं है और उसके बयान से समाज का कोई लेना-देना नहीं है।
अब होगी कलेक्टर की अंतिम मुहर : पुलिस की अनुशंसा रिपोर्ट अब जिला प्रशासन को भेजी जा चुकी है। सूत्रों के अनुसार, कलेक्टर जल्द ही इस पर औपचारिक स्वीकृति दे सकते हैं। इसके बाद विजय राजपूत को रायगढ़ जिले की सीमा से बाहर छह माह से लेकर एक वर्ष तक के लिए जिला बदर किया जा सकता है।
संदेश साफ – आस्था पर हमला बर्दाश्त नहीं : यह कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था की दृष्टि से बल्कि सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की दिशा में एक सख्त संदेश है। रायगढ़ पुलिस की इस सिफारिश से यह स्पष्ट हो गया है कि धार्मिक और सामाजिक प्रतीकों का अपमान करने वालों को अब किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।



