
• सीबीआई की चार्जशीट से बड़ा खुलासा – नेताओं और अफसरों के बच्चों को दिलाई गई ‘रेडीमेड सफलता’, सभी आरोपी रायपुर जेल में बंद…
रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती परीक्षा 2021 का घोटाला राज्य की सबसे बड़ी परीक्षा माफिया की साजिश के रूप में उजागर हुआ है। सीबीआई की चार्जशीट ने पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और परीक्षा नियंत्रकों की मिलीभगत से रचे गए पेपर लीक खेल की परतें खोल दी हैं।
दरअसल, PSC 2020 का एक प्रश्नपत्र पूरे एक वर्ष तक दबाकर रखा गया। इसे सरकारी अभिलेखों में दर्ज ही नहीं किया गया और बाद में वही प्रश्नपत्र 2021 की मुख्य परीक्षा में इस्तेमाल किया गया। सीबीआई के अनुसार यह प्रश्नपत्र पहले ही लीक हो चुका था और इसकी जानकारी सोनवानी के रिश्तेदारों को परीक्षा से पूर्व ही मिल गई थी।
व्हाट्सएप चैट से खुला घोटाला : पेपर लीक का सबसे बड़ा खुलासा टामन सिंह सोनवानी के भतीजे विनीत खेबर और उसकी पत्नी स्वेता की वाट्सएप चैटिंग से हुआ। चैट से स्पष्ट हुआ कि प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले ही उनके पास पहुंच चुका था। इसी आधार पर सीबीआई ने जांच की दिशा तय की।
अफसरों के बच्चों की सुनियोजित सफलता :
- जीवन किशोर ध्रुव ने अपने बेटे सुमित ध्रुव को न केवल प्रश्नपत्र, बल्कि मॉडल उत्तर भी उपलब्ध कराए।
- टामन सिंह सोनवानी ने अपने बेटे नितेश, बहू निशा कोसले, भतीजे साहिल सोनवानी, भाभी दीपा आडिल और अन्य करीबियों को चयनित करवाया।
- सोनवानी की बहू मीशा कोसले तथा नेहा और निखिल खलखो का चयन भी संदिग्ध पाया गया।
सीबीआई ने 15 जुलाई 2024 को ध्रुव के भिलाई स्थित घर पर छापेमारी के दौरान मुख्य परीक्षा 2021 के पेपर नंबर 7 और 2 के उत्तर बरामद किए। तलाशी में फोटोकॉपी, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और संदिग्ध बैंक लेन-देन के दस्तावेज भी मिले।
पाँच वर्षों की परीक्षाएँ शक के घेरे में : सीबीआई का कहना है कि केवल 2021 ही नहीं, बल्कि पिछले पाँच वर्षों की पीएससी परीक्षाओं में भी बड़े पैमाने पर पेपर लीक हुआ है। जांच एजेंसी ने अभ्यर्थियों और अधिकारियों के बीच कॉल डिटेल, लोकेशन और मुलाकातों के रिकॉर्ड खंगाले हैं।
प्रिंटिंग प्रेस की भूमिका : जांच में यह भी सामने आया कि प्रश्नपत्र छापने वाली एकेडी प्रिंटर्स के संचालक अरुण कुमार द्विवेदी लगातार आरोपी अधिकारियों के संपर्क में थे। प्रेस मालिक और कर्मचारियों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं।
अब और गहरी होगी जांच : फिलहाल जांच में टामन सिंह सोनवानी और जीवन किशोर ध्रुव के करीबी ही सामने आए हैं। लेकिन अब पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, पूर्व सहायक नियंत्रक ललित गणवीर तथा उस समय राज्यपाल सचिवालय में पदस्थ अधिकारियों की भूमिका पर भी सीबीआई फोकस कर रही है।



