सूरजपुर EXCLUSIVE : शिक्षा के मंदिर में ‘पाप’ का वीडियो वायरल! मूक-बधिर मासूमों से कराई जा रही मजदूरी, शिवसेना ने खोला मोर्चा…

• SECL के सरकारी आवास में अवैध साम्राज्य? एक ही परिसर में चल रहे स्कूल, कॉलेज और नर्सिंग होम; संचालक पर गंभीर आरोप…
सूरजपुर। जिले के विश्रामपुर स्थित ‘ज्ञानोदय मूक-बधिर विद्यालय’ विवादों के घेरे में आ गया है। शिक्षा के नाम पर दिव्यांग बच्चों के शोषण का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे जिले में मानवता को शर्मसार कर दिया है। विद्यालय में मासूम मूक-बधिर बच्चों से पढ़ाई की जगह जबरन मजदूरी और सफाई कराने का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है।

इस गंभीर मुद्दे पर शिवसेना छत्तीसगढ़ (सूरजपुर इकाई) ने कड़ा रुख अपनाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है और प्रबंधन के खिलाफ ‘आर-पार’ की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
मासूमों के हाथों में किताब की जगह झाड़ू? – शिवसेना जिला अध्यक्ष विष्णु वैष्णव के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि विद्यालय प्रबंधन मासूम बच्चों पर दबाव बनाकर उनसे अनैतिक कार्य करवा रहा है। जो हाथ इशारों में अपनी बात कहना सीख रहे हैं, उन नन्हें हाथों से विद्यालय परिसर में श्रम करवाया जा रहा है। शिवसेना ने इसे केवल कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि “मानवता पर कलंक” करार दिया है।
SECL के सरकारी आवास में ‘फर्जीवाड़ा’ का खेल? – शिवसेना की जांच और ज्ञापन में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आरोप है कि यह विद्यालय SECL के सरकारी आवास परिसर में पूरी तरह अवैध रूप से संचालित हो रहा है। इतना ही नहीं, संदेह के घेरे में आए इस परिसर में एक साथ कई संस्थाएं चल रही हैं:
- ज्ञानोदय मूक-बधिर विद्यालय
- वीणा कन्या महाविद्यालय
- वी.एम. कॉलेज ऑफ नर्सिंग
- डी.पी.एस. स्कूल
सवाल यह उठता है कि एक सरकारी आवास में इतने बड़े-बड़े संस्थान कैसे चल रहे हैं? क्या प्रशासन सो रहा है? ज्ञापन में संचालक विजयराज अग्रवाल द्वारा संचालित एक नशा मुक्ति केंद्र के भी वर्षों से बंद पड़े होने और दस्तावेजों में संदिग्धता की बात कही गई है।
शिवसेना की प्रमुख मांगें :
- विद्यालय के सभी CCTV फुटेज तुरंत जब्त किए जाएं।
- संचालक और दोषी प्रबंधन पर तत्काल FIR दर्ज हो।
- विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की योग्यता और संस्था के वित्तीय लेन-देन की उच्च स्तरीय जांच हो।
- SECL की सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग पर सख्त कार्रवाई की जाए।
15 दिन का अल्टीमेटम : “कार्रवाई नहीं, तो आंदोलन” – शिवसेना ने प्रशासन को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है। ज्ञापन में स्पष्ट लिखा गया है कि यदि 15 दिनों के भीतर दोषियों पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो शिवसेना उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
ज्ञापन सौंपने वालों में जिला अध्यक्ष विष्णु वैष्णव, ग्रामीण जिला अध्यक्ष हेमन्त महन्त, महिला जिला अध्यक्ष पिंकी पटेल, ब्लॉक अध्यक्ष मोहन सिंह टेकाम और नगर प्रमुख साहिल समेत कई शिवसैनिक मौजूद रहे।
अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस “अमानवीय कृत” पर चाबुक चलाता है या फिर रसूखदार प्रबंधन के आगे नतमस्तक हो जाता है?…




