सूरजपुर

अबोध मासूम पर हैवानियत: प्रतापपुर में पाँच साल की बच्ची के साथ दरिंदगी, इंसानियत हुई लहूलुहान – आरोपी गिरफ्तार, समाज उबल पड़ा…

सूरजपुर। जिले से आई यह खबर दिल को दहला देने वाली है। प्रतापपुर थाना क्षेत्र में पाँच वर्षीय मासूम बच्ची के साथ पड़ोस के ही युवक ने जिस तरह दरिंदगी की, उसने मानवता को शर्मसार कर दिया। यह घटना न केवल कानून और व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज की संवेदनहीनता को भी उजागर करती है।

घटना की भयावह दास्तान : सोमवार की दोपहर का समय था। मासूम बच्ची रोज़ की तरह स्कूल से लौटकर अपने घर के पास खेल रही थी। माता-पिता खेत में काम पर गए थे। इसी दौरान पड़ोस का युवक रोशन टोप्पो (21 वर्ष) वहाँ पहुँचा और बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया। घर पहुँचते ही उसने मासूम के साथ अमानवीय हरकत को अंजाम दिया। बच्ची दर्द से चीखना चाहती थी, पर आरोपी ने उसका मुँह दबा दिया। कुछ ही देर में पड़ोसियों ने घर से आती कराह और रुलाई की आवाज़ें सुनीं – और जब वे वहाँ पहुँचे, तो सामने का दृश्य देखकर हर कोई सुन्न रह गया।

आरोपी रोशन टोप्पो

बच्ची खून से लथपथ फर्श पर पड़ी थी, जबकि आरोपी उसके पास बैठा हुआ था। गुस्से में भरे ग्रामीणों ने आरोपी को पकड़कर उसकी जमकर पिटाई की और पुलिस को सौंप दिया।

बच्ची की हालत गंभीर, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में इलाज जारी : घटना की जानकारी मिलते ही बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर ले जाया गया। वहाँ से हालत गंभीर होने पर मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार बच्ची फिलहाल खतरे से बाहर है, लेकिन वह गहरे मानसिक आघात में है। चिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों की टीम उसकी काउंसलिंग कर रही है।

दरिंदे पर सख्त धाराओं में केस दर्ज : थाना प्रभारी अमित कौशिक ने बताया कि पुलिस टीम ने तुरंत मौके पर पहुँचकर आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी रोशन टोप्पो पिता रामकिशुन टोप्पो, निवासी जगन्नाथपुर (वर्तमान पता शांतिनगर, प्रतापपुर) के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 65(2) तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 व 6 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस ने आवश्यक साक्ष्य जुटाकर आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहाँ से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

थाना प्रभारी कौशिक ने कहा –

“यह समाज और संवेदना दोनों के लिए शर्मनाक अपराध है। आरोपी को हर हाल में सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी ताकि ऐसा जघन्य अपराध दोबारा कोई करने की हिम्मत न जुटा सके।”

समाज की चुप्पी ही सबसे बड़ा अपराध : यह घटना केवल एक बच्ची के साथ हुई दरिंदगी नहीं, बल्कि हमारे समाज के संवेदनशील ताने-बाने पर लगा कलंक है। पाँच साल की मासूम जब घर के आँगन में भी सुरक्षित नहीं, तो यह हमारी सामूहिक असफलता है। अब वक्त आ गया है कि समाज मौन न रहे – चुप रहना भी अपराध है। स्थानीय सामाजिक संगठन, महिला आयोग और बाल संरक्षण समितियाँ इस प्रकरण में तत्काल सक्रिय हों और पीड़िता परिवार को सुरक्षा व न्याय दिलाने में पहल करें।

आवाज़ उठाना ज़रूरी है : हर दिन कहीं न कहीं कोई मासूम ऐसी दरिंदगी की शिकार हो रही है। कब तक हम सिर्फ सोशल मीडिया पर सहानुभूति जताते रहेंगे? क्या हमारी संवेदनाएँ पोस्ट और हैशटैग तक सीमित रह जाएँगी?अब समय है कि समाज, प्रशासन और न्याय व्यवस्था तीनों मिलकर यह सुनिश्चित करें कि-

“किसी और मासूम के साथ ऐसी हैवानियत दोबारा न हो।”

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!