
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के राजहरा क्षेत्र में शराब खरीदारों के खिलाफ एक खतरनाक सिलसिला चल रहा है, जहां असामाजिक तत्व पुलिस और आबकारी विभाग के नाम का दुरुपयोग कर लोगों को लूट रहे हैं। सरकारी मदिरालयों से शराब ले जा रहे ग्राहकों को रास्ते में रोककर धमकाया जा रहा है, जिससे इलाके में दहशत फैल गई है। राज्य सरकार के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बावजूद, जहां एक व्यक्ति को 24 पॉव्वा शराब रखने की छूट है, ये अपराधी इस अज्ञानता का फायदा उठा रहे हैं। एक शराब प्रेमी की आपबीती ने इस समस्या को उजागर किया है, जो रोजमर्रा की घटनाओं का प्रतिबिंब है। आबकारी नीति के तहत सख्ती के आदेश हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर अमल की कमी से आम आदमी परेशान है।
आपको बता दें कि राजहरा के सरकारी शराब दुकानों के आसपास का इलाका इन दिनों असुरक्षा का शिकार हो गया है। असामाजिक तत्व, जो खुद को राजहरा पुलिस और आबकारी विभाग के जवान बताते हैं, शराब खरीदकर लौट रहे लोगों को निशाना बना रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि दो दिन पूर्व उन्होंने करीब आठ पव्वा शराब खरीदी और घर की ओर बढ़े। रास्ते में दो अज्ञात युवकों ने उन्हें घेर लिया। वे उन्हें पुलिस वाला होने दिखावा करते हुए पूछताछ शुरू कर दी — ‘बैग में कितनी शराब है?’ व्यक्ति ने ईमानदारी से बताया, तो वे चिल्लाने लगे, ‘इतनी ज्यादा मात्रा? थाने चलो!’ डर के मारे व्यक्ति ने कहा, ‘कुछ पैसे लेकर मामला निपटा दो।’ इसके बाद लुटेरों ने 500 रुपये ऐंठ लिए और फरार हो गए।
ऐसी वारदातें अब रोजाना घट रही हैं। शराब के शौकीनों को निशाना बनाकर ये तत्व आबकारी विभाग और पुलिस विभाग के नाम पर झूठी धमकी देते हैं। एक अन्य ग्राहक ने शिकायत की कि उन्हें बारह पव्वा शराब के लिए ही 500 रुपये वसूल लिए गए। ये अपराधी मुख्य रूप से शाम के समय सक्रिय होते हैं, जब मदिरालय से भीड़ लौटती है। राजहरा पुलिस थाने के नाम का खौफ दिखाकर वे पीड़ितों को चुप रहने पर मजबूर कर देते हैं। एक पीड़ित ने कहा, ‘हम नियमों से अनजान हैं, इसलिए डर जाते हैं।’
ये असामाजिक तत्व ज्यादातर स्थानीय हैं, जो बेरोजगारी और लालच में इस धंधे में लिप्त हैं। पुलिस के नाम पर ये नकली पूछताछ कर पैसे ऐंठते हैं, जो भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318 (4), 318 (5) (धोखाधड़ी) और 386 (धमकी से जबरन वसूली) के दायरे में आता है। राजहरा थाना क्षेत्र में पिछले तीन माह में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, हालांकि कई पीड़ित चुप्पी साध लेते हैं।
शासन के दिशा-निर्देश:
छत्तीसगढ़ सरकार की आबकारी नीति 2023-24 के तहत, एक व्यक्ति को व्यक्तिगत उपयोग के लिए अधिकतम 24 पव्वा (लगभग 6 लीटर) शराब ले जाने की अनुमति है, बशर्ते वो अवैध बिक्री या परिवहन न हो। आबकारी अधिनियम 1915 (संशोधित) की धारा 34(2) अवैध शराब पर सख्त कार्यवाही का प्रावधान करती है, लेकिन वैध खरीद पर कोई पाबंदी नहीं।
ये घटनाएं न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि सामाजिक विश्वास को कमजोर कर रही हैं।




