रायपुर

रायपुर में कथावाचक भास्कराचार्य पर बवाल : शादीशुदा महिला संग आपत्तिजनक हालत में पकड़े जाने के बाद पिटाई, चोटी काटी – पति ने दिया चौंकाने वाला बयान…

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध कथावाचक भास्कराचार्य को एक शादीशुदा महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े जाने के बाद लोगों ने पकड़ लिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी। इस दौरान कथावाचक की चोटी काट दिए जाने की भी जानकारी सामने आई है। पूरा घटनाक्रम इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पति ने पीछा कर रंगे हाथ पकड़ा : सूत्रों के अनुसार, कथावाचक रायपुर अपनी शादीशुदा प्रेमिका से मिलने आए थे। दोनों पहले शहर के एक स्थान पर मिले, इसके बाद कार में बैठकर कुछ दूरी तक गए। इस बीच महिला का पति, जिसे पत्नी के संबंधों पर पहले से शक था, पीछे-पीछे वहां पहुंच गया। उसने कथावाचक को पत्नी के साथ कार में आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया।

गुस्से में आकर पति ने कथावाचक को कार से बाहर खींचा और मारपीट शुरू कर दी। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने बीच-बचाव करने की बजाय कथावाचक को पकड़ लिया और उनकी चोटी काट दी। बताया जा रहा है कि घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

पति ने दिया चौंकाने वाला बयान : घटना की सूचना मिलते ही टिकरापारा पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत कराया। पुलिस ने दोनों पक्षों से पूछताछ शुरू की। मामले ने तब नया मोड़ लिया, जब महिला के पति ने थाने में लिखित बयान देकर कहा कि वह किसी भी आपराधिक कार्रवाई की मांग नहीं करता। उसने यह भी लिखा कि वह अपनी मर्जी से पत्नी को कथावाचक के साथ रहने की अनुमति दे रहा है।

कथावाचक का धार्मिक प्रभाव और बढ़ता विवाद : जानकारी के अनुसार, भास्कराचार्य मध्यप्रदेश के कई जिलों में धार्मिक प्रवचन दे चुके हैं। रायपुर की इस महिला से उनका संपर्क कुछ महीनों पहले हुआ था और धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं। कथावाचक के बार-बार रायपुर आने की जानकारी भी सामने आई है।

फिलहाल टिकरापारा पुलिस ने आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

धार्मिक और सामाजिक हलकों में आक्रोश : घटना के बाद धार्मिक और सामाजिक संगठनों में कथावाचक के आचरण को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। लोगों का कहना है कि “धर्म और मर्यादा का उपदेश देने वाले व्यक्तियों से संयम और आदर्श व्यवहार की अपेक्षा की जाती है, लेकिन ऐसे कृत्य समाज की आस्था को ठेस पहुंचाते हैं।”

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

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