रायगढ़

रायगढ़ में हाथियों का कहर : 48 हाथियों का दल सड़क पर उतरा, 34 किसानों की फसल तबाह…

रायगढ़। जिले में हाथियों का आतंक दिन-ब-दिन बेकाबू होता जा रहा है। मंगलवार शाम छाल रेंज के तरेकेला मेन रोड पर 48 हाथियों का दल सड़क पार करता दिखा। इस विशाल झुंड में 7 नर, 28 मादा और 13 शावक शामिल थे। हाथियों को सुरक्षित पार कराने के लिए वनकर्मी और हाथी मित्र दल ने दोनों ओर से यातायात पूरी तरह रोक दिया। इस नजारे का वीडियो भी सामने आया है।

लेकिन हकीकत यह है कि यही हाथी दल एक दिन पहले ही किसानों की मेहनत पर कहर बनकर टूटा और 34 किसानों की धान की फसलें रौंद डालीं।

जंगल से खेत तक हाथियों का आतंक : 22 सितंबर की देर रात यह झुंड धरमजयगढ़ और रायगढ़ वन मंडल के गांवों तक पहुंचा। खेतों में खड़ी फसल को रौंदते हुए कई किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया।

  • छाल रेंज (छाल, लोटान, बनहर): 11 किसान प्रभावित
  • बोरो रेंज (कमोसिनदांड): 10 किसान प्रभावित
  • घरघोड़ा (पुरी गांव): 5 किसान प्रभावित
  • अन्य गांवों में भी नुकसान हुआ।

कुल 34 किसानों की फसल चंद घंटों में चौपट हो गई। सालभर की मेहनत हाथियों के पैरों तले बर्बाद हो गई।

जंगल में 147 हाथियों का जमावड़ा : वन विभाग के रिकॉर्ड बताते हैं कि रायगढ़ जिले के दोनों वन मंडलों में इस वक्त 147 हाथी विचरण कर रहे हैं।

  • छाल रेंज: 48 हाथी
  • बाकारूमा रेंज: 28 हाथी
  • रायगढ़ रेंज: 16 हाथी
    बाकी अन्य रेंजों में बिखरे हैं। इनमें 41 नर, 64 मादा और 42 शावक शामिल हैं।

हाथियों की बढ़ती संख्या सीधे गांव और खेतों तक खतरा खड़ा कर रही है।

विभाग का अलर्ट, लेकिन डर कायम : छाल रेंज के रेंजर राजेश चौहान ने बताया कि 48 हाथियों का दल तरेकेला मेन रोड पार कर कोठीडोंगरी की ओर बढ़ गया है। प्रभावित गांवों में मुनादी कर लोगों को अलर्ट किया गया है। टीम लगातार झुंड की निगरानी कर रही है।

बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब तक किसान हाथियों के आतंक की कीमत चुकाते रहेंगे?
👉 क्या वन विभाग और सरकार के पास इस संकट से निपटने की कोई ठोस रणनीति है?
👉 किसानों को बर्बादी का मुआवजा कब और कैसे मिलेगा?

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

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