सूरजपुर

मूंगफली विवाद ने ली दो जिंदगियां : बोलेरो से कुचलकर पिता-पुत्र की निर्मम हत्या, पुलिस लापरवाही भी आई सामने…

सूरजपुर। जिले के रामानुजनगर थाना क्षेत्र में रिश्तेदारी के बीच मूंगफली खाने को लेकर शुरू हुआ मामूली विवाद सोमवार रात खूनी संघर्ष में बदल गया। आरोप है कि ओमप्रकाश सोनवानी और उसके साथियों ने बोलेरो चढ़ाकर पिता-पुत्र को मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया, जबकि एक अन्य बेटा गंभीर रूप से घायल है। इस पूरे घटनाक्रम का लाइव वीडियो सामने आया है, जिसमें बाप-बेटे हवा में उछलकर सड़क पर गिरते और फिर तड़पते नजर आते हैं।

विवाद की जड़ – मूंगफली खाने का आरोप :

  • मृतक त्रिवेणी रवि (41) के खेत में मूंगफली तैयार थी।
  • उनका छोटा बेटा करण रवि (16) खेत की रखवाली कर रहा था और मूंगफली खा रहा था।
  • रिश्तेदार नर्मदा सोनवानी ने आरोप लगाया कि करण ने उसके खेत की मूंगफली उखाड़ी।
  • इसी बात पर नर्मदा और उसके दोनों बेटों ने करण को रॉड से पीटा, उसका मोबाइल तोड़ दिया।

बीच-बचाव करने पहुंचे त्रिवेणी और बड़े बेटे राजा बाबू (21) को भी बेरहमी से पीटा गया। मामला थाने पहुंचा, जहां दोनों पक्ष भिड़ गए। उसी वक्त आरोपी ओमप्रकाश ने धमकी दी—“बोलेरो चढ़ाकर मार देंगे।”

थाने से लौटते ही हमला, पुलिस पर लापरवाही के आरोप : थाने से घर लौट रहे त्रिवेणी और उनके बेटे नकना चौक के पास पहुंचे ही थे कि बोलेरो सवार ओमप्रकाश और उसके साथी पीछे से आ धमके।

  • बाइक पर सवार तीनों को रौंदने की कोशिश की गई।
  • पीड़ितों ने थाने में फोन कर मदद मांगी, लेकिन पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर यह कहकर फोन काट दिया कि—
    “हम वेतन तुमसे नहीं लेते।”
  • इसके बाद आरोपियों ने दूसरी बार बोलेरो चढ़ाकर बाप-बेटे को कुचल डाला।

मौके पर मौत, अस्पताल में मातम :

  • हादसे में त्रिवेणी रवि और उनके बड़े बेटे राजा बाबू की मौत हो गई।
  • छोटा बेटा करण रवि जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
  • जिला अस्पताल सूरजपुर में इलाज जारी है।

पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में :  इस दर्दनाक वारदात ने रामानुजनगर पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

  • पीड़ित परिवार का आरोप है कि समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो जान बच सकती थी।
  • घटना के बाद आरोपी फरार हैं। पुलिस तलाश का दावा कर रही है।

बड़ा सवाल :

👉 क्या पुलिस की संवेदनहीनता ने दो जिंदगियां छीन लीं?
👉 क्या मामूली मूंगफली विवाद को प्रशासन ने हल्के में लेकर खून-खराबे में बदलने दिया?
👉 कब तक छत्तीसगढ़ में जमीनी विवाद और पारिवारिक रंजिशें खून से नहलाती रहेंगी?

यह वारदात सिर्फ एक हत्या की खबर नहीं, बल्कि पुलिस तंत्र की विफलता और ग्रामीण विवादों की भयावह परिणति का सजीव उदाहरण है।

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

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