
रायगढ़, 24 सितंबर। रायगढ़ पुलिस ने नशा तस्करों पर शिकंजा कसते हुए जिले में पहली बार सफेमा कोर्ट से बड़ी कार्यवाही कराई है। अंतरराज्यीय गांजा तस्कर भागवत साहू की पत्नी के बैंक खाते में जमा 15 लाख 7 हजार 686 रुपये को न्यायालय के आदेश पर फ्रीज कर दिया गया है। यह संपत्ति आरोपी द्वारा गांजा तस्करी से अर्जित बताई गई है। आदेश के बाद अब न्यायालय के निर्णय तक इस संपत्ति का कोई लेन-देन संभव नहीं होगा।
अगस्त 2024 का बड़ा खुलासा : गौरतलब है कि अगस्त 2024 में पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल के निर्देशन पर जूटमिल पुलिस ने अंतरराज्यीय गांजा तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया था। इस कार्रवाई में सरगना भागवत साहू सहित 9 आरोपी गिरफ्तार हुए थे। पुलिस ने उस दौरान 175 किलो गांजा, 4 फोर व्हीलर, 6 मोबाइल फोन, 7500 रुपये नकद समेत करीब 72 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की थी। तभी से तस्कर भागवत साहू जेल में बंद है।
संपत्ति पर भी कसा शिकंजा : पुलिस ने सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित न रहकर आरोपी की अवैध कमाई पर भी ठोस कदम उठाया। थाना प्रभारी जूटमिल निरीक्षक प्रशांत राव ने प्रकरण तैयार कर आरोपी के बैंक लेन-देन और दस्तावेजों को खंगाला। इसके आधार पर 19 अगस्त को मामला नारकोटिक्स/सफेमा कोर्ट, मुंबई में पेश किया गया। सुनवाई में न्यायालय ने पाया कि आरोपी की पत्नी के पास वैध आय का कोई स्रोत नहीं है और खाते में जमा रकम गांजा तस्करी से अर्जित है। इसी आधार पर 15 सितंबर को अदालत ने आदेश जारी कर 15.07 लाख रुपये को फ्रीज कर दिया।
टीम की भूमिका और पुलिस का संदेश : इस सख्त कार्रवाई में निरीक्षक प्रशांत राव और उप निरीक्षक गिरधारी साव की अहम भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल और नगर पुलिस अधीक्षक श्री मयंक मिश्रा के मार्गदर्शन में पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
एसपी दिव्यांग पटेल ने साफ संदेश दिया कि—
“जिले में नशे के कारोबार से अर्जित संपत्तियों पर भी अब इसी तरह की कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।”
क्या है सफेमा (SAFEMA)? : Smugglers and Foreign Exchange Manipulators (Forfeiture of Property) Act, 1976 यानी सफेमा कानून उन तस्करों और हवाला कारोबारियों पर लागू होता है जिन्होंने अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की है। इस कानून के तहत जांच एजेंसियां उनकी अवैध संपत्ति कोर्ट में पेश करती हैं। इसके बाद सफेमा कोर्ट सुनवाई कर ऐसी संपत्ति को फ्रीज या जब्त करने का आदेश देती है।
यह खबर पुलिस की सख्ती के साथ-साथ जनता को यह संदेश देती है कि अब सिर्फ गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि तस्करी से हुई कमाई पर भी कानून का डंडा चलेगा।




