पत्रकारों का गुस्सा फूटा : अपमानजनक नोटिस और बयान के विरोध में पत्रकार एकजुट, रणजीता स्टेडियम से उठी बुलंद आवाज़ ; निकल पड़े है कलम के यौड्डा न्याय के लिए….

जशपुर। सत्ता और प्रशासन की मनमानी अब पत्रकारों को बर्दाश्त नहीं। सहायक संचालक जनसंपर्क जशपुर द्वारा पत्रकारों को अपराधी कहकर नोटिस भेजने की करतूत ने पूरे पत्रकार समाज को झकझोर दिया है। इस अपमानजनक कदम के विरोध में प्रदेश भर के पत्रकार एकजुट हो गए हैं।

10 सितम्बर को सर्व पत्रकार संघ के तत्वावधान में रणजीता स्टेडियम में विशाल धरना-प्रदर्शन होगा। पत्रकारों का कहना है कि यह केवल नोटिस का विरोध नहीं, बल्कि पत्रकारिता धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हो रहे हमले के खिलाफ निर्णायक लड़ाई है।
पत्रकारों ने साफ कहा है-
👉 “अगर हमें अपराधी कहा जाएगा, तो सच्चाई सामने लाने वालों की आवाज़ कौन उठाएगा?”
👉 “यह हमला सिर्फ पत्रकारों पर नहीं, लोकतंत्र की नींव पर है।”
धरना स्थल से पत्रकार मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे और स्पष्ट करेंगे कि यदि अपमानजनक शब्द और नोटिस तत्काल वापस नहीं लिए गए तो यह आंदोलन और तेज होगा।
अब जशपुर में पत्रकारिता बनाम अपमान की जंग छिड़ चुकी है।
कलम के सिपाही मैदान में हैं और उन्होंने साफ संदेश दे दिया है—
👉 “हम डरने वाले नहीं, हम बिकने वाले नहीं।
सच की आवाज़ को चुप कराने की हर कोशिश का जवाब अब आंदोलन से मिलेगा।”