
• वनभूमि पर कब्जे का खेल जारी, पटवारी और वन विभाग बने तमाशबीन…
लैलूंगा। तहसील मुकडेगा के अंतर्गत ग्राम नारायणपुर के भवना जंगल में इन दिनों अतिक्रमण का खेल खुलेआम चल रहा है। सरकारी भूमि — जो ग्राम निस्तारी और सामुदायिक उपयोग के लिए आरक्षित है — अब कुछ लोगों के कब्जे में जा रही है।
जंगल क्षेत्र में झोपड़ियाँ, बाड़, खेत और कच्चे मकान तैयार हो चुके हैं, लेकिन पटवारी और वन विभाग की चुप्पी ने ग्रामीणों में गुस्सा और सवाल दोनों को जन्म दिया है।
चार साल पुरानी शिकायत, अब तक कोई कार्रवाई नहीं : ग्राम के जागरूक नागरिकों ने 14 अक्टूबर 2020 को तहसीलदार मुकडेगा को लिखित शिकायत दी थी। हजारों ग्रामीण तहसील कार्यालय पहुंचे और भवना जंगल क्षेत्र में हो रहे अवैध कब्जे की शिकायत दर्ज कराई थी।
आवेदन में स्पष्ट उल्लेख था कि कुछ ग्रामीणों ने सेमेर भवना जंगल क्षेत्र की सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कर लिया है। मगर चार साल बीत जाने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तहसील और राजस्व अमला सिर्फ कागज़ों में जांच का दिखावा कर रहा है, जबकि मौके पर स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
सांठगांठ के आरोप, अधिकारी बने दर्शक : ग्रामीणों का आरोप है कि पटवारी और वन विभाग के बीच गहरी सांठगांठ है।
कुछ प्रभावशाली लोगों के दबाव में अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।
गांव के एक वरिष्ठ नागरिक ने तीखे शब्दों में कहा –
“कब्जाधारी जंगल में खुलेआम पेड़ काट रहे हैं, खेत बना रहे हैं, पर कोई रोकने वाला नहीं। अधिकारी आते हैं, फोटो खींचते हैं और महीनों तक फाइल दबाकर रख देते हैं। यह लापरवाही नहीं, मिलीभगत है।”
भवना जंगल पर संकट – पर्यावरण और वन्यजीव दोनों खतरे में : भवना जंगल लैलूंगा ब्लॉक का एक महत्वपूर्ण हरित क्षेत्र है, जहां कई दुर्लभ प्रजातियों के पेड़ और वन्यजीव पाए जाते हैं। निरंतर हो रहे अतिक्रमण से न केवल वनभूमि घट रही है, बल्कि क्षेत्र का प्राकृतिक संतुलन भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है।

वन विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो भवना जंगल आने वाले वर्षों में केवल नाम मात्र का रह जाएगा।
ग्रामीणों की मांग – संयुक्त टीम बनाकर अतिक्रमण हटाया जाए :ग्रामीणों ने तहसीलदार मुकडेगा से मांग की है कि राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम गठित कर मौके पर मापन कराया जाए और अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर तत्काल हटाया जाए।
साथ ही, उन अधिकारियों पर भी विभागीय कार्यवाही की जाए जिन्होंने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की।
जनता का अल्टीमेटम – अब आंदोलन की तैयारी : प्रशासन की चुप्पी से नारायणपुर के ग्रामीणों में आक्रोश उफान पर है।
लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर आने वाले सप्ताह में कार्रवाई नहीं हुई तो तहसील कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
ग्रामीणों का नारा गूंज रहा है —
“जंगल बचाओ, अतिक्रमण हटाओ!”
अंतिम सवाल – कब जागेगा प्रशासन? : भवना जंगल में हो रहा अतिक्रमण अब सिर्फ ज़मीन का विवाद नहीं, बल्कि पर्यावरण, जनअधिकार और प्रशासनिक जवाबदेही का सवाल बन गया है।
अब देखना यह है कि तहसीलदार मुकडेगा और संबंधित विभाग इस गंभीर मामले पर कब जागते हैं — या फिर भवना जंगल भी फाइलों में दफन किसी और हरियाली की कहानी बनकर रह जाएगा।




