
बालोद। बारिश के उफान और पानी के बहाव ने बालोद जिले के ग्रामीणों को शनिवार सुबह भयभीत कर दिया। ग्राम चिरईगोड़ी में एक ट्रैक्टर ट्रॉली पर 6 फीट लंबा रॉक पाइथन बैठा मिला। अचानक अजगर को देखकर गांव में दहशत फैल गई।
सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और करीब दो साल पुराने इस संरक्षित अजगर को सुरक्षित रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा।
पानी का बहाव बना अजगर की यात्रा का रास्ता : वन विभाग के मुताबिक, हाल ही में हुई तेज बारिश से तांदुला जलाशय और धूम्रा पठार इलाके में जलभराव हो गया। तेज बहाव में बहते-बहते अजगर करीब 12 किलोमीटर दूर चिरईगोड़ी गांव तक पहुंच गया।
थका हुआ अजगर पानी से निकलने के बाद राहत की तलाश में किसान शोभाराम साहू के घर के सामने खड़ी ट्रॉली पर चढ़कर बैठ गया।
ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग ने दी चेतावनी : सुबह जब लोगों ने ट्रॉली पर अजगर देखा तो अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी। टीम ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षित रेस्क्यू किया। रॉक पाइथन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 में शामिल संरक्षित प्रजाति है।
अजगर क्यों अहम है इकोसिस्टम में? – वन विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक, रॉक पाइथन जंगलों के इकोसिस्टम का संतुलन बनाए रखने वाली प्रमुख प्रजाति है। यह पक्षियों, खरगोश, चूहों और छोटे वन्य जीवों का शिकार करता है। इसकी शारीरिक बनावट इसे चट्टानों और झाड़ियों में आसानी से छिपने की क्षमता देती है, जिससे यह तेजी से शिकार कर पाता है।
बालोद जिले में यह प्रजाति अक्सर तांदुला जलाशय के टापू, धूम्रा पठार, दैहान, गोंदली जलाशय, खरखरा बांध, देवपाण्डुम और चितवा डोंगरी जैसे दलदली इलाकों में देखी जाती है।
तेज बारिश और जलभराव के बीच जंगलों के जीव अब आबादी की ओर रुख कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हालात में ग्रामीणों को सतर्क रहने और किसी भी वन्यजीव की सूचना तुरंत विभाग को देने की जरूरत है।




