ग्राम पंचायत के अन्याय के खिलाफ महिला उतरी धरने पर – घर का रास्ता, नाली और शौचालय तक तोड़े जाने पर फूटा आक्रोश

रायगढ़। जिले के ग्राम पंचायत भातपुर की मनमानी और उत्पीड़न के खिलाफ संतोषी बैरागी नामक महिला अपने पूरे परिवार के साथ न्याय की मांग को लेकर आज महात्मा गांधी चौक, रायगढ़ में शांतिपूर्ण धरने पर बैठ गई हैं। उन्होंने पहले ही कलेक्टर रायगढ़ को इस संबंध में लिखित सूचना देकर कहा था कि पंचायत की कार्रवाई से उनका परिवार बेघर होने की कगार पर पहुँच गया है।
संतोषी बैरागी ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत भातापुर द्वारा उनके घर तक जाने वाले रास्ते, पानी की नाली और शौचालय को जानबूझकर अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे परिवार को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इतना ही नहीं, पंचायतकर्मियों ने उनके मकान की छत तक तोड़ दी, जिससे आवेदिका और उनके परिजन असहनीय स्थिति में पहुँच गए हैं।

उन्होंने कहा है कि यह कार्रवाई पूरी तरह द्वेषपूर्ण और अन्यायपूर्ण है, और वे इस अत्याचार के विरोध में अहिंसक, शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से धरना देने को विवश हुई हैं।
आवेदिका ने जिला प्रशासन से मांग की है कि –
- दोषी पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
- उनके घर तक आने-जाने का रास्ता, नाली और शौचालय तत्काल बहाल किया जाए।
- मकान की क्षतिपूर्ति कर प्रशासन न्याय सुनिश्चित करे।
इस संबंध में ज्ञापन की प्रतिलिपि कलेक्टर रायगढ़, अनुविभागीय अधिकारी रायगढ़ और पुलिस अधीक्षक रायगढ़ को भेजी गई है। ज्ञापन पर पुलिस विभाग व ग्राम पंचायत के प्राप्ति मुहरें भी लगी हैं, जिससे यह साबित होता है कि प्रशासन को इस अन्याय की पूर्व सूचना दी जा चुकी थी।
संतोषी बैरागी का कहना है –
“हम केवल न्याय चाहते हैं। पंचायत की दबंगई से हमारा जीवन दूभर हो गया है। अगर प्रशासन ने अब भी सुनवाई नहीं की, तो हम अनिश्चितकालीन धरना करने को मजबूर होंगे।”
इस मामले ने अब स्थानीय स्तर पर जनचर्चा का रूप ले लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायतें जब नागरिकों के मूल अधिकारों पर हमला करने लगें, तो शासन-प्रशासन को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
अब सवाल यह है कि क्या रायगढ़ प्रशासन इस महिला को न्याय दिलाएगा या फिर यह मामला भी सरकारी फाइलों में दफन हो जाएगा?




