
बलरामपुर-रामानुजगंज (छत्तीसगढ़): जिला प्रशासन ने एक सख्त और निर्णायक कदम उठाते हुए विधानसभा-प्रतापपुर की विधायक श्रीमती शकुन्तला सिंह पोर्ते को उनके स्थायी जाति प्रमाण-पत्र की जांच के लिए जिला स्तरीय जाति प्रमाण-पत्र सत्यापन समिति के समक्ष अवश्य उपस्थित होने के आदेश जारी किए हैं।
कलेक्टर कार्यालय (आदिवासी विकास), बलरामपुर-रामानुजगंज द्वारा दिनांक 17 नवंबर 2025, क्रमांक 2497/जा.प्र.पत्र/आ.जा.व./2025-26 के तहत यह आधिकारिक पत्र जारी हुआ है, जिसने पूरे जिले की राजनीतिक हलचल पर सीधा असर डाला है।

शिकायतों पर आधारित बड़ा कदम : तीन संदर्भों का उल्लेख : पत्र में समिति ने तीन पूर्व कार्यालयीन पत्रों का स्पष्ट उल्लेख किया है –
- क्रमांक 1775 / दिनांक 28.08.2025
- क्रमांक 1949 / दिनांक 15.09.2025
- क्रमांक 2265 / दिनांक 13.10.2025
इन्हीं पत्रों के आधार पर, आवेदक धन सिंह धुर्वे, निवासी ग्राम मुड़ियाडीह पोस्ट जनकपुर, थाना-तहसील रघुनाथनगर के आवेदन तथा
आवेदिका जयश्री सिंह पुसाम पिता देवन सिंह, ग्राम गोसमती, मेहया, वाड्रफनगर के आवेदन में लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच शुरू की गई है।
हाई कोर्ट का सीधा दबाव – WPC No. 2966/2025 :
आवेदिका जयश्री सिंह पुसाम द्वारा दायर याचिका WPC No. 2966/2025 में
माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने जिला प्रशासन को शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
इस न्यायिक निर्देश के बाद जिला प्रशासन की पूरी प्रक्रिया अब सख्ती से कोर्ट मॉनिटरिंग में है।
समिति ने क्या कहा? – जाति प्रमाण-पत्र जारी होने की पूरी प्रक्रिया संदिग्ध : पत्र में उल्लेख है कि –
- विधायक शकुन्तला सिंह पोर्ते को पूर्व में जारी सामाजिक प्रमाण पत्र/जाति प्रमाण पत्र (स्थायी) की मूल प्रक्रिया, दस्तावेजों और जातिगत दावे पर सवाल उठे हैं।
- शिकायतों में कहा गया है कि प्रमाण-पत्र जारी करते समय जाति, निवासी तथा शालेय दस्तावेजों की सत्यता पर गंभीर संदेह है।
- इसी आधार पर प्रकरण समिति के समक्ष सत्यापन हेतु प्रस्तुत है।
27 नवंबर – अनिवार्य उपस्थिति, सभी मूल दस्तावेजों सहित : समिति ने स्पष्ट आदेश दिया है कि –
- तारीख: 27 नवंबर 2025
- समय: प्रातः 11:00 बजे
- स्थान: जिला स्तरीय जाति प्रमाण-पत्र सत्यापन समिति, बलरामपुर-रामानुजगंज
विधायक शकुन्तला सिंह पोर्ते को “स्वयं अथवा अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होकर सभी संबंधित मूल अभिलेख प्रस्तुत करने” का निर्देश दिया गया है।
आवश्यक दस्तावेजों की सूची – जो पत्र में स्पष्ट लिखी है :
- जन्म-मृत्यु संबंधी पंजीयन
- शालेय दाखिल-खारिज पंजी (Admission-Withdrawal Register)
- निवास से जुड़े सभी अभिलेख
- और अन्य सत्यापन से संबंधित कोई भी आवश्यक दस्तावेज
समिति ने इसे “अनिवार्य अनुपालन” बताया है।
प्रतिलिपि – प्रशासन ने पूरा तंत्र अलर्ट पर रखा : पत्र की प्रतिलिपि निम्न को भेजी गई है –
- कलेक्टर, बलरामपुर-रामानुजगंज
- अपर कलेक्टर (रिले शाखा)
- अनुविभागीय अधिकारी (रा.), वाड्रफनगर
- तहसीलदार, वाड्रफनगर
- मंडल संयोजक, वाड्रफनगर
- आवेदक धन सिंह धुर्वे
- आवेदिका जयश्री सिंह पुसाम
यह साफ दिखाता है कि जिला प्रशासन ने इस मामले को उच्च संवेदनशीलता की श्रेणी में रखा है।
राजनीतिक तापमान तेज – 27 नवंबर पर निगाहें टिकीं : जिले से लेकर राजधानी तक राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र यही सवाल है-
क्या विधायक शकुन्तला सिंह पोर्ते दस्तावेजों के साथ उपस्थित होंगी?
क्या जांच में नए तथ्य सामने आएंगे?
क्या यह मामला भविष्य में बड़ा राजनीतिक मोड़ बन सकता है?
जिला स्तरीय समिति की 27 नवंबर की कार्यवाही इस पूरे विवाद में निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।




