रायगढ़

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर रायगढ़ में “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” का संदेश गूंजा – बेटियों ने दिखाई शिक्षा, आत्मविश्वास और बदलाव की नई राह…

रायगढ़, 12 अक्टूबर 2025। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर रायगढ़ का रामभाटा सामुदायिक भवन आज बेटियों के आत्मविश्वास, शिक्षा और सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में महिला सशक्तिकरण केंद्र द्वारा आयोजित “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत हुए जागरूकता कार्यक्रम ने यह स्पष्ट संदेश दिया – जब बेटियां पढ़ेंगी, तो समाज आगे बढ़ेगा।

कार्यक्रम की शुरुआत बालिकाओं द्वारा सरस्वती वंदना और स्वागत गीत से हुई। इसके बाद मंच पर बालिकाओं ने मेहंदी, चित्रकला और नींबू दौड़ जैसी प्रतियोगिताओं में अपनी रचनात्मकता और ऊर्जा से माहौल जीवंत कर दिया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी एल.आर. कच्छप ने बताया कि इस अवसर पर बालिकाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए एनीमिया जांच एवं पोषण परामर्श शिविर लगाया गया। शाला त्यागी बालिकाओं का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उन्हें संतुलित आहार एवं एनीमिया की रोकथाम संबंधी जानकारी दी गई।

कार्यक्रम के दौरान आयोजित जागरूकता सत्र में विशेषज्ञों ने लैंगिक समानता, शिक्षा के महत्व, लक्ष्य निर्धारण, मासिक धर्म स्वच्छता और एनीमिया नियंत्रण जैसे विषयों पर बेबाक चर्चा की। वक्ताओं ने कहा – “जब समाज बेटियों को समान अवसर देता है, तब वही बेटियां आने वाले कल की दिशा तय करती हैं।”

सत्र में उपस्थित बालिकाओं को 181 सखी वन स्टॉप सेंटर और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 जैसी सुरक्षा सेवाओं की जानकारी दी गई, ताकि किसी भी आपात स्थिति में वे निर्भय होकर मदद प्राप्त कर सकें।

इस मौके पर मिशन शक्ति की जेंडर विशेषज्ञ सरिता सिंहा उत्तरा, स्वास्थ्य विभाग की टीम, पर्यवेक्षक, मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहीं। कार्यक्रम ने यह साबित किया कि रायगढ़ की बेटियां अब केवल भविष्य नहीं, बल्कि वर्तमान का नेतृत्व कर रही हैं — शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास के दम पर।

Ambika Sao

सह-संपादक : छत्तीसगढ़

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