बैकुंठपुर : विकास के नाम पर ‘विनाश’ की इबारत! कटगोड़ी पंचायत में लाखों का ‘डाका’, सरपंच-सचिव पर सरकारी खजाने को दीमक की तरह चाटने का आरोप…

• कागजों पर बन गई सड़कें, हवा में लटके शौचालय: 2017 से चल रहा ‘लूट का खेल’, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा…
कोरिया। जिले के बैकुंठपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कटगोड़ी में ‘अंधेर नगरी, चौपट राजा’ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। यहाँ विकास के नाम पर सरकारी खजाने की ऐसी बंदरबांट हुई है कि सुनकर किसी के भी होश उड़ जाएं। ग्रामीणों के सब्र का बांध अब टूट चुका है और उन्होंने जनदर्शन में शिकायत करते हुए सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि लाखों रुपए डकार लिए गए, लेकिन जमीन पर विकास का एक ईंट भी नहीं दिखाई दे रहा।
हवा में विकास, जमीन पर सन्नाटा : ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों के मुताबिक, पंचायत में जादूगरी चल रही है। रिकॉर्ड में पाइपलाइन बिछ गई, पानी की टंकियां बन गईं, चबूतरे खड़े हो गए और सड़कों पर मुरूम भी डल गया, लेकिन हकीकत में ये सब अदृश्य हैं।
- शौचालय निर्माण: कागजों पर पूर्ण, मौके पर नदारद।
- सौंदर्यीकरण: गन्दगी का अंबार, लेकिन फाइलों में गाँव चमक रहा है।
- पेयजल व्यवस्था: लाखों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए, पर जनता प्यासी है।
‘अपनों’ को फायदा, जनता को धोखा: भ्रष्टाचार का यह खेल केवल कागजी घोड़े दौड़ाने तक सीमित नहीं है। शिकायत में दावा किया गया है कि सरपंच और सचिव ने पंचायत निधि को अपनी ‘जागीर’ समझ लिया है। आरोप है कि अपने ही परिजनों और रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी बिल वाउचर लगाकर लाखों रुपए निकाले गए। कभी पानी टैंकर के नाम पर, तो कभी चुनाव के टेंट और अन्य व्यवस्थाओं के नाम पर सरकारी पैसे की खुली लूट की गई है।
14वें और 15वें वित्त आयोग की राशि में भारी गोलमाल : ग्रामीणों ने प्रशासन के सामने 2017-18 से लेकर अब तक के पूरे कच्चे-चिट्ठे की जांच की मांग की है। 14वें और 15वें वित्त आयोग की राशि, बाजार वसूली और अन्य मदों में आए लाखों रुपए कहां गए, इसका कोई हिसाब नहीं है। बिना काम कराए राशि आहरण करने का यह सिलसिला पिछले कई वर्षों से निर्बाध रूप से चल रहा है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल : बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने पर हो रही अनियमितता पर अब तक किसी अधिकारी की नजर क्यों नहीं पड़ी? क्या यह महज सरपंच-सचिव की करतूत है या ऊपर तक मिलीभगत है? ग्रामीणों ने जनदर्शन प्रभारी को आवेदन देकर दो टूक कहा है कि अगर इस “लूट तंत्र” की निष्पक्ष जांच नहीं हुई और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस ‘कागजी विकास’ की फाइलें खोलता है या फिर भ्रष्टाचार की इस इमारत पर एक और परत चढ़ा दी जाती है।
