लैलूंगा के जंगल में युवक की संदिग्ध मौत: सात दिन से लापता अमित बेहरा की लाश पेड़ से लटकी मिली, हत्या की आशंका गहराई…

रायगढ़। जिले के लैलूंगा थाना क्षेत्र के बांसडाँड़ गाँव के युवक अमित बेहरा की मौत रहस्यमयी परिस्थितियों में होने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। लगभग सात दिनों से लापता चल रहे अमित का शव मंगलवार सुबह घने जंगल में पेड़ से लटका मिला। मृतक के पास ही उसकी मोटरसाइकिल खड़ी होने से मामला और संदिग्ध हो गया है। परिवार ने इसे सीधी हत्या करार देते हुए पुलिस से कठोर कार्रवाई की मांग की है।
कैसे मिला शव? जंगल में चरवाहों ने देखी लाश : मंगलवार सुबह ग्रामीण जंगल की ओर गए थे, तभी गोड़ी–सारसमाल क्षेत्र के भीतर उन्हें पेड़ से लटका एक शव दिखाई दिया। पास जाने पर पहचान हुई कि वह अमित बेहरा है, जो पिछले एक सप्ताह से लापता था।
ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना बांसडाँड़ चौकी व लैलूंगा पुलिस को दी।
मौके पर पहुँची पुलिस ने शव नीचे उतरवाया और पंचनामा तथा प्राथमिक जांच शुरू की।
26 वर्षीय युवक 7 दिन पहले रहस्यमय तरीके से लापता हुआ था : परिवार के अनुसार अमित 17 नवंबर की शाम अपने घर से निकला था और उसके बाद वापस नहीं लौटा।
- मोबाइल स्विच ऑफ
- कोई लोकेशन ट्रेस नहीं
- किसी से विवाद या झगड़े की जानकारी नहीं
इन सबके कारण परिवार लगातार चिंता में था। पुलिस को भी सूचना दी गई थी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
पेड़ से लटका हुआ शव… पास में मोटरसाइकिल… कई सवाल खड़े : अमित का शव जिस तरह मिला है, उसने घटना की दिशा बदल दी है। ये तथ्य संदेह को गहरा कर रहे हैं-
- शव पेड़ से लटका मिला, लेकिन पास में बाइक सीधी खड़ी थी।
- घटनास्थल पर न संघर्ष के साफ निशान, न ही आत्महत्या के सामान्य संकेत।
- अमित की हाइट और पेड़ की ऊँचाई को देखते हुए परिवार ने कहा- “यह आत्महत्या नहीं हो सकती।”
परिजनों का आरोप है कि अमित को मारकर उसकी लाश को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देगी अहम दिशा : शव को पोस्टमॉर्टम के लिए रायगढ़ जिला अस्पताल भेजा गया है। फॉरेंसिक टीम निम्न पहलुओं की जांच कर रही है –
- गले पर रस्सी के निशानों की प्रकृति
- शरीर पर किसी बाहरी चोट के निशान
- मृत्यु का समय और तरीका
- घटनास्थल से सैंपल और मिट्टी, कपड़े, फाइबर, मोबाइल डेटा आदि
अधिकारियों के अनुसार, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत को आत्महत्या, दुर्घटना या हत्या में वर्गीकृत किया जाएगा।
परिवार का आरोप: “अमित को बहला-फुसलाकर ले जाया गया” – मृतक के चाचा व माता-पिता का कहना है कि अमित के लापता होने से पहले वह सामान्य था और किसी तनाव में नहीं था।
परिजन ने पुलिस से कहा – “हमारे बच्चे को मारा गया है। उसे कहीं और मारकर पेड़ पर लटका दिया गया।”
परिवार ने पुलिस से कठोर कार्रवाई, शक के आधार पर पूछताछ और मोबाइल डेटा खंगालने की मांग की है।
घटना के बाद ग्रामीणों में दो तरह का असंतोष देखने को मिला –
- लापता होने के 7 दिन बाद भी पुलिस कोई ठोस सुराग नहीं जुटा पाई।
- घने जंगलों में गश्त और सुरक्षा कमजोर है, जबकि क्षेत्र में अक्सर अवैध गतिविधियाँ और संदिग्ध आवाजाही की शिकायतें मिलती रहती हैं।
पुलिस क्या कह रही है? – थाना लैलूंगा के अधिकारियों के अनुसार –
- मौत संदिग्ध है
- हत्या की संभावना से इनकार नहीं
- हर एंगल से जांच की जा रही है
- अंतिम 48 घंटे में अमित के मोबाइल टावर लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड, सोशल मीडिया गतिविधियाँ व संपर्कों की जांच शुरू है
पुलिस ने कहा कि रिपोर्ट आने तक किसी नतीजे पर पहुँचना जल्दबाजी होगा, लेकिन परिवार की आशंकाओं को गंभीरता से लिया जा रहा है।
समाज और गांव में मातम : अमित बेहरा अपने परिवार का सहारा था। शांत स्वभाव, कम बोलने वाला और मेहनती युवक के रूप में उसे गांव में जाना जाता था। अचानक हुई इस मौत ने पूरे गांव को हिला दिया है।
मामले का अगला चरण – किस पर नजर? :
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
- मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR)
- घटनास्थल की फॉरेंसिक रिपोर्ट
- अमित के अंतिम मिलने वाले लोगों की पहचान व पूछताछ
- बाइक की फॉरेंसिक जांच : क्या वह खुद वहाँ गई थी या किसी ने चलाकर खड़ी की?
इन सबके बाद ही पुलिस मौत की दिशा तय करेगी।
लैलूंगा के इस मामले ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक युवक का अचानक गायब होना, कई दिन बाद जंगल में पेड़ से लटकी लाश मिलना और बाइक का पास में होना – ये सभी संकेत बताते हैं कि यह घटना सामान्य नहीं है। परिवार और पूरे इलाके की नजर अब पुलिस की जांच पर टिकी है।




