किसानों की बढ़ती परेशानियों के बीच सरकार की बड़ी पहल: अब घर बैठे करें धान बेचने का ऑनलाइन पंजीयन

पत्थलगांव।हैप्पी भाटिया : धान पंजीयन को लेकर किसानों की समस्याएँ लगातार बढ़ रही थीं। कई किसानों का एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीयन अधूरा रह जाता था, जबकि कुछ किसानों को अपनी भूमि, फसल विवरण या खसरा–खतौनी में त्रुटियों के कारण लोक सेवा केंद्र और तहसील कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे। तकनीकी दिक्कतें, भीड़ और बार-बार रिजेक्ट हो रहे आवेदनों के चलते किसान गहरी चिंता में थे।
इन्हीं समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए Agristack Farmer Registry Portal पर “UFR (Update Farmer Request)” नामक नई सुविधा शुरू की है। इसके माध्यम से किसान अब घर बैठे ही धान बेचने हेतु आवश्यक पंजीयन और सभी संबंधित सुधार कर सकेंगे।
क्या है नई ऑनलाइन सुविधा? – एग्रीस्टैक पोर्टल पर उपलब्ध यह UFR सुविधा किसानों को अपनी खेती से जुड़ी लगभग सभी जानकारी स्वयं अपडेट करने की सुविधा देती है। अब किसान—
- भूमि से संबंधित त्रुटियों को सुधार सकते हैं
- नया खसरा/खतौनी विवरण जोड़ सकते हैं
- गलत या पुराना भूमि डेटा अपडेट कर सकते हैं
- आधार प्रमाणीकरण पूरा कर सकते हैं
- धान बिक्री पंजीयन के लिए जरूरी सभी विवरण घर से ही भर सकते हैं
इससे किसानों को कार्यालयों के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी और प्रक्रिया अधिक पारदर्शी तथा सरल होगी।
किन किसानों को मिलेगा सबसे अधिक लाभ? – आपके द्वारा उपलब्ध कराए हस्तलिखित दस्तावेज़ों के अनुसार, बड़ी संख्या में किसान ऐसे हैं जिनका एग्रीस्टैक रजिस्ट्रेशन अधूरा है या पंजीयन ही नहीं हो पाया है।
अब ऐसे किसान:
- अपने मोबाइल से घर बैठे, या
- नज़दीकी लोक सेवा केंद्र जाकर
अपना ई–केवाईसी, खसरा–खतौनी, भूमि विवरण और फसल संबंधी जानकारी अपडेट कर सकते हैं।
यदि किसान समय पर अपना पंजीयन पूरा नहीं करते, तो वे समर्थन मूल्य पर धान बेचने के पात्र नहीं होंगे।
प्रक्रिया कैसे काम करती है?
1. पोर्टल में लॉग इन करें
किसान https://cgfr.agristack.gov.in/farmer-registry/ पर जाएँ → मोबाइल नंबर दर्ज करें → OTP से लॉग इन करें।
2. UFR (Update Farmer Request) विकल्प चुनें – यहाँ किसान:
- भूमि विवरण अपडेट
- नया खसरा/खतौनी जोड़ना
- गलत प्रविष्टि सुधारण
- आधार प्रमाणीकरण
जैसे कार्य स्वयं कर सकते हैं। आवेदन सबमिट करते ही यह संबंधित पटवारी/तहसीलदार के पास भेज दिया जाता है।
3. अधिकारी द्वारा सत्यापन : पटवारी या तहसीलदार अपनी एग्रीस्टैक लॉगिन आईडी से आवेदन प्राप्त कर:
- रिकार्ड ऑफ राइट्स
- खेत का वास्तविक स्वामित्व/कब्जा
- खसरा–नक्शा
- फसल विवरण
सत्यापित कर ऑनलाइन अनुमोदन देंगे।
4. आवेदन की स्थिति देखें : किसान पोर्टल पर दिए गए “Check Approval Status” विकल्प में जाकर यह देख सकते हैं कि आवेदन किस अधिकारी के पास लंबित है और स्वीकृति मिली या नहीं।
क्यों जरूरी था यह बदलाव? – धान खरीदी सीजन नज़दीक आने के साथ ही पंजीयन से जुड़ी शिकायतें हर वर्ष बढ़ जाती थीं।
- त्रुटिपूर्ण प्रविष्टियों
- तकनीकी समस्याओं
- सत्यापन में देरी
- और बार-बार रिजेक्ट होने
के कारण किसान परेशान थे और कई बार उन्हें समर्थन मूल्य पर धान बेचने का मौका भी हाथ से निकल जाता था।
नई ऑनलाइन सुविधा इन सभी समस्याओं का समाधान है।
सरकार की किसानों से अपील : सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि किसान समय पर UFR मॉड्यूल में अपनी जानकारी अपडेट नहीं करेंगे, तो वे धान खरीदी के पंजीयन से वंचित हो सकते हैं। इसलिए किसानों से अनुरोध है कि वे:
- घर बैठे मोबाइल से
या - नज़दीकी लोक सेवा केंद्र जाकर
अपना पंजीयन अवश्य पूर्ण करें।
धान खरीदी से पहले राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई Agristack की यह UFR सुविधा किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। इससे न सिर्फ किसानों का समय और श्रम बचेगा, बल्कि धान खरीदी की पूरी प्रक्रिया पहले से अधिक पारदर्शी, सुविधाजनक और सरल बन जाएगी। अब किसान बिना किसी परेशानी के घर बैठे अपना धान बिक्री पंजीयन पूरा कर पाएँगे।




