“70 लीटर पानी को शराब बताकर वसूली की कोशिश!” – हसौद थाना के दो पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप, SP से निष्पक्ष जांच की मांग

सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले से कानून की साख को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। हसौद थाना में पदस्थ दो प्रधान आरक्षकों पर एक निर्दोष युवक से रिश्वत मांगने, झूठे केस में फंसाने और 70 लीटर पानी को “शराब” घोषित कर जेल भेजने का सनसनीखेज आरोप लगा है।
ग्राम मल्दा निवासी भगत मित्तल ने पुलिस अधीक्षक सक्ती को दिए आवेदन में बताया कि 9 नवंबर को उसका भाई महेंद्र मित्तल निजी काम से हसौद आया था। इसी दौरान थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक नंदू साहू और प्रधान आरक्षक अश्वनी जायसवाल ने उसे रोक लिया, गाड़ी में बैठाया और करीब डेढ़ घंटे तक घुमाते रहे।
पीड़ित के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने उससे एक लाख रुपये की मांग की। जब उसने रिश्वत देने से इनकार किया, तो दोनों उसे कैथा के पप्पू ढाबा ले गए – वहीं से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा। आरोप है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने ढाबे से बोरी और पन्नी मंगवाई, उसमें पानी भरकर 70 लीटर “शराब” बताई, और युवक को अबकारी कानून के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पीड़ित पक्ष का कहना है –
“नंदू साहू बार-बार पैसों की मांग करता था। हमारे पास उसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग और ढाबे का सीसीटीवी फुटेज है, जिससे साफ दिखता है कि पुलिसकर्मियों ने पानी को शराब घोषित किया।”
परिवार ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक सक्ती से की है और दोनों आरक्षकों के खिलाफ निष्पक्ष जांच व कठोर कार्रवाई की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधान आरक्षक अश्वनी जायसवाल पहले भी वसूली और फर्जी प्रकरणों को लेकर विवादों में रह चुका है। बावजूद इसके, विभागीय स्तर पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है –
“जब कानून के रखवाले ही कानून तोड़ने लगें, तो आम जनता न्याय के लिए किसके दरवाजे जाए?”
फिलहाल इस पूरे प्रकरण पर पुलिस प्रशासन का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन मामले ने जिलेभर में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।




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