सरकारी अफसर पर संगीन आरोप : दहेज मांगा, जबरन गर्भपात कराया, टोनही कह 49 दिन में निकाला घर से…

• पीड़िता बोली – “दो साल से न्याय की राह में हूं, अब मुख्यमंत्री से आखिरी उम्मीद है”…
अंबिकापुर। सरगुजा जिले की एक विवाहित महिला ने प्रदेश के एक राजपत्रित अधिकारी पर दहेज प्रताड़ना, मानसिक शोषण और जबरन गर्भपात कराने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि उसकी शादी वर्ष 2022 में हुई थी, लेकिन उसे सिर्फ 49 दिन में ही ससुराल से निकाल दिया गया।
शादी के बाद पति और ससुराल पक्ष ने एक लाख रुपये दहेज की मांग की। विरोध करने पर महिला को “टोनही” कहकर बेइज्जत किया गया और घर से बाहर कर दिया गया। पीड़िता ने बताया कि विवाह के बाद गर्भ ठहरने पर उसे जबरन गर्भपात के लिए मजबूर किया गया, जिससे उसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हुआ।
महिला ने बताया कि उसने इस पूरे मामले की शिकायत जिले के पुलिस अधीक्षक और महिला थाना में दी थी। थाना स्तर से आरोपी अधिकारी को काउंसिलिंग के लिए नोटिस भी जारी हुआ, लेकिन वह अब तक उपस्थित नहीं हुए।
न्याय की आस में भटक रही महिला बुधवार को मुख्यमंत्री के सार्वजनिक कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। उसने मंच तक पहुंचकर अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन मौजूद अधिकारियों ने समझाकर वापस भेज दिया।
महिला ने कहा –
“मैं दो साल से न्याय के लिए दर-दर भटक रही हूं। मेरे साथ जो हुआ, वह किसी भी महिला के साथ नहीं होना चाहिए। अगर कानून अधिकारी वर्ग तक नहीं पहुंचेगा, तो आम महिलाओं को कौन बचाएगा?”
महिला ने मुख्यमंत्री और पुलिस प्रशासन से मांग की है कि आरोपी अधिकारी के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर निष्पक्ष जांच की जाए।
अब सवाल जनता और न्याय व्यवस्था के सामने है –
क्या सरकारी कुर्सी अन्याय की ढाल बन चुकी है?
और क्या एक महिला की पुकार अब भी सत्ता के शोर में दब जाएगी?



