
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। पिछले एक सप्ताह से धमतरी के गंगरेल क्षेत्र में सक्रिय दंतैल हाथी अब बालोद जिले में लौट आया है। शनिवार को गुरुर वन परिक्षेत्र के कई गांवों में हाथी के पैरों के निशान मिले और देर रात ग्राम अलोरी के आसपास इसे घुमते हुए देखा गया। रविवार सुबह करीब 9 बजे बोरिदकला वन क्षेत्र में भी इसकी उपस्थिति की पुष्टि हुई। इससे वन विभाग सतर्क हो गया है और 30 गांवों के ग्रामीणों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह वही दंतैल हाथी है जो सात सितंबर को महामाया क्षेत्र से बालोद पहुंचा था। कुछ दिन बालोद में रहने के बाद यह गंगरेल होते हुए फिर से धमतरी जिले के गंगरेल इलाके तक चला गया। अब यह दोबारा बालोद जिले की सीमा में प्रवेश कर गुरूर क्षेत्र के दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों ने इसे ग्राम कर्रेझार में धान के खेतों में धान की फसल खाते देखा है। जिसकी अब डौंडी क्षेत्र की ओर बढ़ने की संभावना है। अलर्ट जारी किए गए गांवों में आमापानी, मुड़खुसरा, बोरिदकला, कर्रेझर, बालोदगहन, नैकुरा, जगतरा और सोहतरा प्रमुख हैं। इसके पूर्व अलोरी, भैंसमुड़ी, मुश्केरा, पोंड, मुजालगोदी, मरकाटोला, नागबेलडीह, कंकालीन, कर्रेझर, नैकुरा और अमलीपारा में भी ग्रामीणों को मुनादी कर सतर्क किया गया था।

वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे जंगल की ओर न जाएं और हाथी से दूरी बनाकर सावधानी बरतें। यदि हाथी दिखाई दे तो तुरंत वन अधिकारियों को सूचना दें ताकि स्थिति पर नियंत्रण रखा जा सके। वन विभाग ने पैट्रोलिंग तेज कर दी है और ग्रामीणों के साथ संपर्क बनाए रखा है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

डौंडी क्षेत्र में भी अब मुनादी करवाई जा रही है ताकि हाथी के उस क्षेत्र में बढ़ने की स्थिति में सभी लोग पहले से सतर्क रह सकें। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग मिलकर दंतैल हाथी की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और ग्रामीणों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।




