बारिश और तूफान का कहर : सरगुजा संभाग में तबाही – तीन सौ एकड़ में टाऊ फसल बर्बाद, दीवार ढही, एक की मौत…

अंबिकापुर। चक्रवाती मोन्था तूफान का असर गुरुवार की रात सरगुजा संभाग पर भारी पड़ा। अंबिकापुर, बलरामपुर और सूरजपुर जिलों में तेज हवाओं के साथ हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। एक घंटे से ज्यादा देर तक हुई झमाझम बारिश ने खेतों को जलमग्न कर दिया, वहीं किसानों की मेहनत भी बह गई।
तीन सौ एकड़ में टाऊ फसल बर्बाद, धान भी बिछा : मैनपाट और सामरी क्षेत्र में किसानों ने इस सीजन में करीब 1500 एकड़ में टाऊ की फसल ली थी। तेज बारिश और हवा से लगभग 300 एकड़ क्षेत्र में टाऊ फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। वहीं धान की फसल भी खेतों में बिछ गई है, जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है। कृषि विभाग के प्रारंभिक आकलन के अनुसार, 25 फीसदी से अधिक फसलें प्रभावित हुई हैं।
बारिश में ढही दीवार, नींद में दबकर युवक की मौत : कुसमी विकासखंड के बकसपुर पियारटोली गांव में बारिश के बीच एक कच्चा मकान धराशायी हो गया। मलबे में दबकर सो रहे बसंत उर्फ तेवारी (30) की दर्दनाक मौत हो गई। आसपास के लोगों ने किसी तरह शव को मलबे से बाहर निकाला। घटना से पूरे इलाके में शोक व्याप्त है।
37 से 50 मिमी तक हुई रिकॉर्ड बारिश : मौसम विभाग के अनुसार, अंबिकापुर में 37 मिमी, जबकि सामरी, कुसमी और बलरामपुर में 45 से 50 मिमी तक बारिश दर्ज की गई है। अचानक हुई इस मूसलाधार बारिश ने धान कटाई के मुहाने पर खड़े किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
फसलें भीगीं, उम्मीदें टूटीं : किसानों का कहना है कि अब यदि दो-तीन दिनों तक धूप नहीं निकली, तो फसलें सड़ने का खतरा है। मैनपाट के किसान रामलाल टोप्पो ने बताया, “टाऊ की पूरी फसल पानी में गिर गई है, अब सिर्फ नुकसान का हिसाब बाकी है।”
सरगुजा संभाग के खेतों में अब सिर्फ चिंता की लहर है — आसमान से बरसी आफत ने किसानों की सालभर की मेहनत बहा दी।




