अंबिकापुर
“डीएवी स्कूल में दिल दहला देने वाली घटना : “100 उठक-बैठक, दो डंडे, टूटी मासूमियत – शिक्षिका बर्खास्त प्रिंसपल को फ़ोर्स लिव पर भेजा…”

सरगुजा। ज़िले के प्रतापगढ़ डीएवी पब्लिक स्कूल में दिल दहला देने वाली घटना हुई है। दूसरी कक्षा की नन्ही बच्ची को महिला टीचर नम्रता गुप्ता ने बेरहमी से 100 बार उठक-बैठक करा दी। इतना ही नहीं, बीच में डंडे भी बरसाए। परिणाम—बच्ची के पैरों के मसल्स फट गए, वह अब खड़े होने तक की हालत में नहीं है।
सीतापुर ब्लॉक का यह मामला स्कूल की क्रूरता और गैरजिम्मेदारी को उजागर करता है।
तत्कालिक कार्रवाई :
- दोषी टीचर नम्रता गुप्ता को बर्खास्त किया गया।
- प्रिंसिपल राजीव सिंह को घटना दबाने और उच्चाधिकारियों को जानकारी न देने पर फोर्स लीव पर भेज दिया गया।
- डीएवी छत्तीसगढ़ रीजनल ऑफिसर ने कहा—“यह कार्रवाई छात्रा के बयान पर आधारित है, मैनेजर को 10 दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश।”
लेकिन हकीकत यह है कि –
- स्कूल ने बच्ची के दर्द को तब तक छुपाया, जब तक मामला बाहर नहीं आया।
- अगर बच्ची बोलने की हालत में न होती, तो क्या यह घटना दबी रह जाती?
- शिक्षा के मंदिर को यातना गृह बनाने वालों पर क्या सिर्फ आंतरिक कार्रवाई ही काफी है?
👉 यह घटना सिर्फ प्रतापगढ़ नहीं, पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर कलंक है।
👉 मासूम की पीड़ा इंसाफ की मांग कर रही है।
👉 अब समय है – फौरी जांच नहीं, आपराधिक मुकदमा और कड़ी कानूनी सजा देने का।
शिक्षक अगर जल्लाद बन जाएं, तो बच्चों का भविष्य कौन बचाएगा? यह सवाल हर माता-पिता को झकझोर रहा है।
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