रायगढ़

चक्रधर समारोह : पद्मश्री कैलाश खेर का ‘सम्मान पत्र’ कचरे में! प्रशासन का दिखावटी सम्मान बेनकाब…

रायगढ़। इतिहास और संस्कृति का प्रतीक चक्रधर समारोह धूमधाम से खत्म हुआ। समापन की शोभा बढ़ाने सूबे के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मौजूद रहे और मंच पर पद्मश्री गायक कैलाश खेर ने अपनी बैंड कैलासा के साथ प्रस्तुति दी। आयोजन की आभा इतनी थी कि प्रशासन ने प्रचार-प्रसार में करोड़ों झोंक दिए।

लेकिन अगले ही दिन हकीकत का चेहरा सामने आ गया –कार्यक्रम स्थल पर कचरे में पड़े मिले वही प्रशस्ति पत्र, जिनसे कलाकारों का ‘सम्मान’ किया गया था। इनमें पद्मश्री कैलाश खेर का प्रमाणपत्र भी शामिल था।

सम्मान की जगह अपमान : राजा चक्रधर सिंह के नाम पर 10 दिन तक तारीफों के पुल बांधे गए, मंच पर सम्मान के गीत गाए गए, मुख्यमंत्री और मंत्रीगण ने आयोजकों की पीठ थपथपाई। लेकिन कलाकारों को दिए गए सम्मान पत्र जब कचरे में पड़े मिले तो यह साफ हो गया कि प्रशासन की नजर में यह सब महज़ औपचारिकता थी।

यह सवाल जनता के सामने खड़ा है –

  • क्या कलाकारों ने खुद सम्मानपत्र फेंका?
  • या जिम्मेदार अधिकारियों ने ही इसे कचरे की तरह फेंक दिया?
    दोनों ही हालात संस्कृति और सम्मान के साथ खिलवाड़ हैं।

“काम खत्म, आदमी खत्म” की सच्चाई : स्थल पर मौजूद लोगों की प्रतिक्रिया ने प्रशासन का नकाब उतार दिया। एक ने कहा – “भाई, काम खत्म तो आदमी भी खत्म। सम्मान बस मंच पर था, बाद में सब कचरा है।”

दूसरे स्थानीय कलाकार ने गुरुदत्त की मशहूर पंक्ति याद दिलाई –“मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं…”

धार्मिक आस्था भी बनी खिलवाड़ का शिकार : चक्रधर समारोह को गणेश उत्सव के रूप में भी मनाया गया। भव्य गणेश प्रतिमा और पूजा-पाठ के बीच कार्यक्रम हुए। लेकिन समापन के बाद स्थल पर गणेश पूजा की सामग्री खाने की प्लेटों और गंदगी के बीच पड़ी मिली।

युवा निमेष पाण्डेय ने श्रद्धा से पूजा सामग्री को विसर्जन के लिए उठाया और साथ ही कचरे में पड़े प्रशस्ति पत्रों को सुरक्षित किया। उन्होंने प्रशासन पर तंज कसते हुए कहा – “अगर यह वाकई सम्मान है तो प्रशासन आकर ले जाए। हमें तो यह कचरे में मिला, क्योंकि जिम्मेदार लोग इसे कचरा ही मान बैठे।”

सवाल सीधा है – क्या चक्रधर समारोह में कलाकारों और धार्मिक आस्था का सम्मान हुआ, या फिर मंच, फोटो और विज्ञापन की चकाचौंध के बाद सब ‘कचरा’ साबित हुआ?…

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!