1500 साला जुलूस-ए-मोहम्मदी धूमधाम से सम्पन्न, अमन-चैन की दुआओं के साथ हुआ समापन…

रायपुर। शहर सीरतुन्नबी कमेटी रायपुर के तत्वावधान में शुक्रवार को 1500 साला जश्ने ईद मिलादुन्नबी अज़ीमोशान जुलूस पूरे धार्मिक उत्साह और पारंपरिक शान-ओ-शौकत के साथ निकाला गया। कमेटी के सदर सोहेल सेठी और उनकी टीम के नेतृत्व में हजारों की संख्या में लोग जुलूस में शामिल हुए।
भव्य आयोजन और स्वागत : जुलूस सुबह 8 बजे महबूबिया चौक, बैजनाथपारा से रवाना होकर मालवीय रोड, जयस्तंभ चौक, आज़ाद चौक, सदर बाज़ार, सिटी कोतवाली मार्ग से होता हुआ वापस सीरत मैदान बैजनाथपारा पहुँचा। पूरे मार्ग में स्वागत द्वार सजाए गए थे, जहाँ लोगों ने फूल बरसाकर और ठंडा-मीठा पानी पिलाकर जुलूस का अभिनंदन किया।
धार्मिक कार्यक्रम और परचम कुशाई : सीरत मैदान में पहुँचे जुलूस के बाद कार्यक्रम की शुरुआत कारी मोहम्मद इमरान साहब द्वारा तिलावत-ए-कुरआन से हुई। इसके पश्चात हज़रत सैय्यद अहमद अशरफ साहब (किछौछा शरीफ) ने पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा –“मुसलमानों को चाहिए कि वे पैग़म्बर-ए-इस्लाम के बताए मार्ग पर चलें, अच्छे काम करें और बुराइयों से दूर रहें।”
इसके बाद परचम कुशाई की गई और देश-प्रदेश की खुशहाली, भाईचारे तथा अमन-चैन के लिए सामूहिक दुआ की गई।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति : इस अवसर पर शहर की अनेक जानी-मानी हस्तियाँ और धार्मिक-समाजिक संगठन के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इनमें प्रमुख रूप से –शेख नाज़िमुद्दीन, सोहेल सेठी (सदर), मौलाना मो. अली फारूकी (काजी शहर), डॉ. सलीम रज़ा (अध्यक्ष वक्फ बोर्ड), शाफिक अहमद (फुगा भाई), जावेद रज़ा, एजाज़ ढेबर, बदरुद्दीन खोखर, अफरोज ख्वाजा, एजाज कुरैशी (गुड्डा), डॉ. मुजाहिद अली फारूकी, इक़बाल शरीफ, साबिउद्दीन अहमद, फहीम अंसारी, अमीन खान, अज्जू खान मुख्तार अशरफी, इरफान जीलानी, रमीज अशरफ और गुड्डा सेठी समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।
शांति और भाईचारे का संदेश : कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि इस्लाम का असली पैगाम मानवता, शांति और भाईचारे का है। उन्होंने समाज से अपील की कि लोग नफरत से दूर रहकर आपसी मोहब्बत और एकता को मजबूत करें।